नई दिल्ली। संक्रमणरोधी दवाओं की बिक्री में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। देश में संक्रमणरोधी दवाओं की बिक्री में पिछले साल के मुकाबले 7.6 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। अब यह बढक़र 2,130 करोड़ रुपये हो गई, जबकि पिछले साल इसी महीने में यह 1,979 करोड़ थी। इसके पीछे वायरल सीजन की शुरुआत और देशभर में कोविड के मामले बएऩे को मुख्य कारण माना गया है।
बता दें कि संक्रमणरोधी श्रेणी भारतीय दवा बाजार के कुल राजस्व में करीब 11 प्रतिशत का योगदान करती है। इसमें एंटीबैक्टीरियल और एंटीफंगल दवाओं ने बिक्री में क्रमश: 9.1 प्रतिशत और 7 प्रतिशत की वृद्धि के साथ कुल बिक्री वृद्धि को बढ़ावा दिया है। फार्माटैक के आंकड़ों से पता चलता है कि एंटीबैक्टीरियल दवा की बिक्री मई 2024 में 1,676 करोड़ रुपये थी। इस साल यह मई में बढक़र 1,829 करोड़ रुपये हो गई, जबकि एंटीफंगल दवा इसी अवधि में बढक़र 152 करोड़ रुपये हो गई।
विशेषज्ञों का कहना है कि इस उछाल का एक मुख्य कारण वायरल सीजन की शुरुआत है। यह आम तौर पर अप्रैल के आसपास शुरू होता है और इस दौरान श्वसन संक्रमण, वायरल बुखार और पेट संबंधी बीमारियां ज्यादा आम हो जाती हैं।
हालांकि इनमें से कई (बीमारियां) वायरस के कारण होती हैं और हमेशा एंटीबायोटिक दवाओं की आवश्यकता नहीं होती है। लेकिन डॉक्टर अक्सर इन दवाओं को लिखते हैं। इससे संक्रमणरोधी दवाओं का उपयोग अधिक होता है। एक अन्य विशेषज्ञ ने कहा कि पिछले कुछ सप्ताह में दर्ज गए कोविड-19 के मामलों में इजाफे ने भी इस वृद्धि में योगदान दिया है।