अहमदाबाद (गुजरात)। नशीली दवा अल्प्राजोलम के निर्माण मामले में तीन डीलर गिरफ्तार किए हैं। प्रतिबंधित श्रेणी की बेंजोडायजेपाइन और ओपिओइड साइकोट्रोपिक दवाओं के अवैध निर्माण के आरोप में छह लोगों की गिरफ्तारी पहले हो चुकी है। अब छह महीने बाद आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) ने तीन बड़े डीलरों को गिरफ्तार किया है। इन्होंने इन निर्माताओं से स्टॉक खरीदा था। ये निर्माता मध्य प्रदेश और राजस्थान के हैं।

यह है मामला

गुजरात एटीएस ने आणंद जि़ले के खंभात तालुका के नेजा गाँव में जनवरी में ग्रीनलाइफ़ इंडस्ट्रीज पर छापा मारा था। उन्होंने मादक पदार्थ बनाने वाली एक अवैध फैक्ट्री का पर्दाफ़ाश किया था। यहां से लगभग 107 करोड़ रुपये मूल्य की 107 किलोग्राम अल्प्राज़ोलम जब्त की थी। इसके साथ ही 2,518 किलोग्राम अन्य रसायन ज़ब्त किए थे। यह इस प्रतिबंधित दवा की 42.8 करोड़ और गोलियाँ बनाने के लिए पर्याप्त थे।

इस अवैध ड्रग निर्माण रैकेट में शामिल कुल पाँच आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। उनकी पहचान विजय मकवाना, हेमंत पटेल, लालजी मकवाना, रंजीत डाभी और जयदीप मकवाना के रूप में हुई है। एटीएस ने छठे व्यक्ति अजय जैन को भी गिरफ्तार किया है। वह इन निर्माताओं से ड्रग्स खरीदता था। उनके खिलाफ एटीएस थाने में मामला दर्ज किया गया है।

अब, छह महीने बाद, गुजरात एटीएस ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। दो मध्य प्रदेश से और एक राजस्थान से है। इन पर अवैध रूप से निर्मित दवाओं का भंडार खरीदने का आरोप है। जांच अधिकारी (आईओ) इंस्पेक्टर सीएच पनारा ने बताया कि आरोपी अजय जैन सह-आरोपी विजय मकवाना से अवैध रूप से मादक पदार्थ अल्प्राजोलम प्राप्त कर रहा था। वह इसे असलम खान, कालूराम पाटीदार और सकील मोहम्मद को बेच रहा था।मामले की जांच जारी है और जांचकर्ता पूरे रैकेट का भंडाफोड़ करने की कोशिश कर रहे हैं।