जींद (हरियाणा)। प्राइवेट अस्पताल में 23 सप्ताह के भ्रूण गिराने का मामला पकड़ में आया है। शहर के शशि शर्मा अस्पताल में रेड के दौरान यह मामला सामने आया।
नागरिक अस्पताल के चिकित्सक की शिकायत पर अस्पताल संचालिका शशि शर्मा के खिलाफ मामला दर्ज किया है। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने निजी अस्पताल पहुंचकर गर्भपात मामले की जानकारी ली।
स्वास्थ्य विभाग को जानकारी मिली थी कि शहर के एक निजी अस्पताल में करीब 22 से 24 सप्ताह के भ्रूण का गर्भपात कराया गया है। टीम ने निजी अस्पताल पर दबिश दी और चिकित्सक का भी रिकॉर्ड खंगाला। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने संबंधित महिला और उसके परिवार से भी पूछताछ की।
परिवार ने बताया कि गर्भ में बच्चे की मौत हो गई थी। डॉक्टरों की सलाह पर उन्होंने गर्भपात कराने का निर्णय लिया। विषम परिस्थितियों में 20 सप्ताह तक के भ्रूण के गर्भपात की अस्पताल को मंजूरी होती है। निजी अस्पताल के चिकित्सकों ने 22 सप्ताह से अधिक के भ्रूण का गर्भपात कराया था। डिप्टी सीएमओ डॉ. पालेराम ने कहा कि ट्रैकिंग के तहत अस्पताल की जांच की गई है।
आरसीएच और एमसीटीएस पंजीकरण से गर्भवती महिलाओं की ट्रैकिंग की जाती है। अक्सर तीन माह तक की गर्भावस्था के बारे में नहीं बताया जाता है। लिहाजा महिलाएं पंजीकरण करवाने से बचती हैं लेकिन अब यह पंजीकरण अनिवार्य कर दिया गया है। इससे गर्भवती व शिशु के स्वास्थ्य के बारे में भी जानकारी रहती है।
शहर थाना प्रभारी जींद मनीष कुमार ने बताया कि जो गर्भवती नागरिक अस्पताल या आंगनबाड़ी से उपचार करवाती हैं, उन महिलाओं का पंजीकरण हो जाता है। निजी अस्पतालों में कहीं-कहीं गाइडलाइन का पालन नहीं किया जाता है। निजी अस्पताल संचालिका शशि शर्मा के खिलाफ गर्भधारण पूर्व और प्रसव पूर्व निदान तकनीक के तहत मामला दर्ज किया ।