नई दिल्ली। फार्मा और मेडटेक व्यापार को भारत-ब्रिटेन एफटीए से बढ़ावा मिलेगा। दवा उद्योग के अधिकारियों के अनुसार भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते से द्विपक्षीय व्यापार बढ़ेगा। विशेष रूप से दवा और चिकित्सा उपकरण क्षेत्रों में। इस क्षेत्र में भारत किफायती स्वास्थ्य सेवा समाधानों के प्रमुख सपलायर के रूप में उभरा है।

इस समझौते से दवा उत्पादों और चिकित्सा उपकरणों पर शुल्क हटता है। भारत से ब्रिटेन को होने वाले निर्यात में वृद्धि होने की उम्मीद है। ब्रिटेन से आयात 13 फीसदी की सालाना वृद्धि के साथ 430.15 मिलियन डॉलर रहा। ब्रिटेन को होने वाले कुल भारतीय निर्यात में औषधि निर्माण और जैविक उत्पादों की हिस्सेदारी 84.7 फीसदी है।

भारत ने वित्त वर्ष 2024 में ब्रिटेन को 1,015.02 करोड़ रुपये के चिकित्सा उपकरणों का निर्यात किया। इसी अवधि में ब्रिटेन से आयात 36.45 फीसदी बढक़र 2,295.37 करोड़ रुपये हो गया।

भारत से निर्यात किए जाने वाले चिकित्सा उपकरणों में कॉन्टैक्ट लेंस, डायग्नोस्टिक रिएजेंट, सर्जिकल उपकरण और पीपीई किट शामिल थे। प्रमुख आयातों में ऑक्सीजन थेरेपी उपकरण जैसे वेंटिलेटर, एक्स-रे उपकरण, डायग्नोस्टिक परीक्षण रिएजेंट और आईवीडी विश्लेषण उपकरण शामिल थे।

वर्तमान में ब्रिटेन भारतीय दवा आयात पर शून्य शुल्क लगाता है। भारत कुछ जीवन रक्षक दवाओं को छूट के साथ, दवाइयों पर 10 फीसदी मूल सीमा शुल्क लगाता है।