हरिद्वार। निमोनिया के इलाज की नई दवा के कारगर होने का दावा किया गया है। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, IIT रुडक़ी के वैज्ञानिकों ने निमोनिया के इलाज की नई और प्रभावशाली दवा विकसित की है। यह दवाई मेरोपेनम संयोजन चिकित्सा पर आधारित है। यह निमोनिया के खतरनाक बैक्टीरिया के खिलाफ नई उम्मीद लेकर आई है। इस शोध से स्वास्थ्य क्षेत्र को काफी लाभ मिलने की उम्मीद है।

इस शोध कार्य का नेतृत्व रुडक़ी की प्रोफेसर रंजना पठानिया ने किया है। उनकी टीम में डॉ. मंगल सिंह और परवेज़ बख्त भी शामिल हैं। उन्होंने नॉर्वे के वैज्ञानिकों के साथ मिलकर कंपाउंड 3b नामक नया अणु विकसित किया है। यह अणु मेरोपेनम एंटीबायोटिक के साथ मिलकर काम करता है और निमोनिया के बैक्टीरिया को कमजोर कर देता है।

ऐसे काम करती है ये दवा

यह दवाई बैक्टीरिया के प्रतिरोधी तंत्र को बेअसर कर देती है। इसका मतलब है कि यह उन बैक्टीरिया को खत्म करने में मदद करेगी जो सामान्य दवाओं के सामने जिद्दी हो जाते हैं। आईआईटी रुडक़ी के निदेशक प्रोफेसर के. के. पंत ने इस शोध को एक प्रभावशाली कदम बताया है। हम इस तरह के शोधों से विज्ञान के क्षेत्र में नई खोजों और नवाचारों को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं।