लखनऊ (उप्र)। होम्योपैथी दवा से किडनी फेल होने का मामला प्रकाश में आया है। डॉक्टरों ने सर्जरी कर मरीज की जान बचाई है। लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में एक गंभीर मरीज की जान बचाने के लिए डॉक्टरों को उसकी किडनी निकालनी पड़ी। मरीज ने पथरी की समस्या को हल्के में लेते हुए खुद से होम्योपैथी दवाओं का सेवन शुरू कर दिया। इस लापरवाही के चलते उसकी किडनी में संक्रमण फैल गया। किडनी में पस भर गया।

यह है मामला

मरीज की पहचान प्रतापगढ़ के कुंडा निवासी 57 वर्षीय रामराज के रूप में हुई है। उन्हें पेट में दर्द और पेशाब में असामान्यता महसूस हुई। स्थानीय डॉक्टर ने उन्हें लोहिया संस्थान रेफर किया। यूरोलॉजी विभाग के अध्यक्ष प्रो. ईश्वर राम दयाल ने बताया कि जांच में पता चला कि रामराज की दाईं किडनी में 4 पथरी थीं। किडनी का लगभग 70 प्रतिशत हिस्सा सड़ चुका था।

मरीज ने पहले सर्जरी की सलाह को नजरअंदाज कर खुद से होम्योपैथी इलाज शुरू किया। लंबे समय तक सही इलाज न मिलने से किडनी में गंभीर संक्रमण हो गया। उन्हें संस्थान में भर्ती किया गया और तुरंत सर्जरी की गई। डॉक्टरों ने किडनी से करीब 500 एमएल पस निकाला। यह एक दुर्लभ स्थिति मानी जाती है। प्रो. दयाल ने बताया कि अगर सर्जरी में थोड़ी भी देरी होती, तो दूसरी किडनी और लिवर भी प्रभावित हो सकते थे।