जयपुर (राजस्थान)। जानलेवा कफ सिरप बनाने वाली कंपनी पर ताला लगाकर भाग गयी है। सरना डूंगर इंडस्ट्रियल एरिया स्थित खांसी की दवा निर्माता कंपनी केयसंस फार्मा लिमिटेड पर ताले लग गए हैं। फैक्ट्री मालिक सहित कोई कर्मचारी नहीं है। दो दिन पहले भरतपुर की घटना के बाद लिए गए सैंपल में खामी मिलने के बाद से यह फैक्ट्री बंद पड़ी है। कंपनी के पास लिक्विड सेक्शन, कैप्सूल और टेबलेट बनाने का लाइसेंस है।

ड्रग विभाग ने लिया था सैंपल

ड्रग विभाग ने करीब छह माह पहले कफ सिरप का सैंपल लिया था। जांच में पाया गया कि सिरप में मौजूद मेंटॉल 0.5 एमजी मानक के अनुरूप नहीं था। रिपोर्ट फेल होने के बाद यह दवा स्टैंडर्ड क्वालिटी से बाहर घोषित कर दी गई। कंपनी को आरएमएससीएल ने 21 फरवरी को एक साल के लिए डिबार कर दिया।

सीकर में 5 साल के बच्चे की हुई मौत

डिबार होने के बावजूद कंपनी की अन्य दवाओं की सप्लाई सरकारी अस्पतालों में जारी रही। हाल ही में मुफ्त दवा योजना में दी जाने वाली Dextromethorphan HBr Syrup IP 13.5mg/5ml पीने से सीकर में पांच साल के बच्चे की मौत हो गई। अजीतगढ़ में दो, जयपुर में एक और भरतपुर में एक बच्चा व एक डॉक्टर इस सिरप से बीमार हो गए। इसके बाद चिकित्सा विभाग ने इस सिरप के वितरण पर रोक लगा दी। जांच के लिए सैंपल लैब भेजे हैं और रिपोर्ट आने का इंतजार है।

अब सरकार ने मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति गठित कर दी है। दवा वितरण पर रोक के साथ सैंपल दोबारा लैब भेजे गए हैं। जब बार-बार सैंपल फेल हो रहे थे तो आखिर कैसे ये दवाएं पास होकर बच्चों तक पहुंचती रहीं। डिबार कंपनी की दवाओं की सप्लाई पर समय रहते रोक क्यों नहीं लगी।