छिंदवाड़ा (मध्यप्रदेश)। आयुष विभाग ने आयुर्वेदिक दवाएं जब्त कर सैंपल जांच के लिए भेजे हैं। बच्चे की कथित तौर पर आयुर्वेदिक दवाएं खाने से मौत के बाद आयुष विभाग ने यह कार्रवाई की। इस मामले में आवश्यक कानूनी कार्रवाई भी की जा रही है।
यह है मामला
आयुष मंत्रालय ने कहा कि वह राज्य प्राधिकरणों के साथ सक्रिय रूप से समन्वय कर रहा है। इससे आयुष दवाओं की सुरक्षा और गुणवत्ता के उच्चतम मानक सुनिश्चित किए जा सकेंगे। वहीं, जनता के कल्याण के लिए इनका सुरक्षित एवं प्रभावी उपयोग हो पाएगा।

विभाग आयुष दवाओं की सुरक्षा और गुणवत्ता को लेकर प्रतिबद्ध है। गुणवत्ता नियंत्रण, दवा लाइसेंस जारी करने और कार्रवाई करने का अधिकार राज्यों के औषध नियंत्रकों और लाइसेंसिंग प्राधिकरणों के पास है। ये प्राधिकरण मिलावटी, भ्रामक या नकली आयुष दवाओं के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए अधिकृत हैं। जानकारी के अनुसार इस घटना के बाद तत्काल कार्रवाई की गई है। इसमें संदिग्ध दवाओं की जब्ती, नमूनों को जांच के लिए भेजना और आवश्यक कानूनी प्रक्रिया शुरू करना शामिल है।









