आगरा (उप्र)। नकली दवा बिक्री की शिकायत पर मेडिकल स्टोरों पर की रेड का मामला प्रकाश में आया है। औषधि विभाग की टीम ने फव्वारा स्थित अंशिका फार्मा, विभोर मेडिकल एजेंसी और हर्षित ट्रेडर्स पर दबिश दी। टीम ने 6 घंटे तक दवाओं के रिकॉर्ड खंगाले और बाद में जब्त कर लिए। संचालकों से बीते साल अप्रैल से दवाओं की खरीद-बिक्री के रिकॉर्ड भी तलब किए हैं।

यह है मामला

सहायक आयुक्त औषधि अतुल उपाध्याय ने बताया कि दवा कंपनी टोरंट फार्मा के प्रतिनिधियों से शिकायत मिली थी। बताया कि उनके यहां निर्मित काइमोरल फोर्ट को नकली बनाकर बेचा जा रहा है। ये दवा मांसपेशियों की चोट में उपयोग होती है। इस पर औषधि विभाग की टीम ने फव्वारा स्थित अंशिका फार्मा पर छापा मारा। यहां संचालक मनोज मिले। रिकॉर्ड खंगालने पर कंपनी की दवा का स्टॉक नहीं मिला। लेकिन इस दवाओं की खरीद-बिक्री के साक्ष्य मिले।

संचालक ने बताया कि ये दवाएं विभोर मेडिकल एजेंसी खिन्नी गली फव्वारा से खरीदी गई हैं। यहां टीम जांच करने के लिए भेजी है। एजेंसी पर संचालक संजीव कुमार गुप्ता मिले। उनसे कंप्यूटर और रिकार्ड रजिस्टर की जांच की। यहां भी संबंधित दवा का स्टॉक नहीं मिला। पता चला कि ये दवाएं गोरखपुर के गुप्ता मेडिकल स्टोर से खरीदी हैं। इसकी रिपोर्ट बनाकर गोरखपुर के औषधि विभाग को भी भेजी है। मुबारक महल फव्वारा स्थित हर्षित ट्रेडर्स के यहां भी छापा मारा। इस दवा का स्टॉक नहीं मिला, लेकिन खरीद-बिक्री के रिकॉर्ड मिले हैं। इनकी संचालक प्रियंका बंसल से भी दवाओं की खरीद-बिक्री के रिकॉर्ड तलब किए हैं।

कंपनी की टीम ने ग्राहक बनकर बीते कई दिनों से रेकी की। जब दवाओं का मिलान करने पर नकली प्रतीत हुईं तो औषधि विभाग में शिकायत की। इस पर संचालकों को थाना कोतवाली में बुलाकर पूछताछ की गई। जांच अभी जारी है।