नई दिल्ली। एनपीपीए यानि राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण ने 28 दवाओं के खुदरा मूल्य तय किए हैं। आवश्यक औषधियों की राष्ट्रीय सूची (एनएलईएम) के तहत 28 औषधियों के खुदरा मूल्य और छह अनुसूचित औषधियों के अधिकतम मूल्य तय किए हंै।
बैठक के दौरान कीमतों में संशोधन का निर्णय लिया गया। एनपीपीए द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, प्राधिकरण ने मधुमेह, उच्च रक्तचाप, जीवाणु संक्रमण और एलर्जी के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवाओं के मूल्य तय किए हैं। संशोधित खुदरा मूल्यों वाली 28 दवाओं में से 19 उच्च रक्तचाप और मधुमेह के इलाज में काम आती हैं।
एम्पाग्लिफ्लोजऩि, लिनाग्लिप्टिन और मेटफॉर्मिन हाइड्रोक्लोराइड के फिक्स्ड-डोज़ कॉम्बिनेशन वाली मधुमेह की दवाओं की कीमत 29.21 रुपये प्रति टैबलेट रखी है। इसके पेटेंट की समाप्ति के बाद से कई एम्पाग्लिफ्लोजऩि-आधारित जेनेरिक दवाएँ मूल्य नियंत्रण के दायरे में आ गई हैं।
इसी तरह, उच्च रक्तचाप के लिए टेल्मिसर्टन और एम्लोडिपिन की संयुक्त गोलियों की खुदरा कीमत 7.14 रुपये प्रति टैबलेट तय की है। जबकि टेल्मिसर्टन और क्लोर्थालिडोन की खुदरा कीमत 8.93 रुपये प्रति टैबलेट तय की गई है। दर्द निवारक के रूप में इस्तेमाल होने वाली मेफेनेमिक एसिड और पैरासिटामोल की संयुक्त गोलियों का खुदरा मूल्य 2.68 रुपये प्रति गोली तय किया गया है।
जिन छह अनुसूचित फ़ॉर्मूले की अधिकतम कीमतें तय की हैं, उनमें 1.11 रुपये प्रति गोली वाली राइबोफ्लेविन 10 मिलीग्राम की गोलियां, विकृत एथिल अल्कोहल (70 प्रतिशत घोल), और कई प्रकार के मानव सामान्य इम्युनोग्लोबुलिन शामिल हैं।










