झांसी। उत्तर प्रदेश के मेडिकल स्टोर चलाने वालों के लिए जरूरी खबर है। सूबे में जारी मेडिकल स्टोर के लाइसेंस में आइडी नंबर से होने वाला खेल अब नहीं चलेगा।
बताया गया है कि ड्रग विभाग नया सॉफ्टवेयर तैयार कर रहा है। इस सॉफ्टवेयर की वजह से मेडिकल स्टोर के लाइसेंस के लिए दुकानदार और फार्मासिस्ट को आइडी नंबर दिया जाएगा। इंडियन फार्मेसी काउंसिल और ड्रग कंट्रोलर इसी आइडी नंबर पर दुकानदार-फार्मासिस्ट का विवरण का सत्यापन करेंगे।
ये प्रक्रिया होने के बाद आवेदक को ऑनलाइन लाइसेंस मिलेगा। प्रदेश के झांसी की बात कर ले तो, यहां अभी 900 फुटकर मेडिकल स्टोर और थोक दवा प्रतिष्ठान हैं। अभी तक ऑनलाइन आवेदन के बाद कंप्यूटर से चालान निकलता था। बैंक में फीस भरने के बाद पुराने लाइसेंस की कॉपी ड्रग विभाग को सौंप दी जती थी। यहां से मुहर लगने के बाद लाइसेंस रिन्युअल होता था।
मिली जानकारी के अनुसार, अब ड्रग विभाग नया सॉफ्टवेयर तैयार कर रहा है। इसमें लाइसेंस के रिन्युअल और आवेदन के लिए दुकानदार-फार्मासिस्ट से जुड़े सभी प्रमाणपत्र स्कैन कर अपलोड करने होंगे। फीस भी ऑनलाइन जमा होगी।
ड्रग इंस्पेक्टर उमेश भारती ने कहा कि दुकानदार और फार्मासिस्ट के अलग-अलग आईडी नंबर होंगे। फर्मासिस्ट जब दुकानदार को अपना ओटीपी नंबर देगा, तब ही पंजीकरण हो पाएगा।