कोटा। राजस्थान के कोटा से दो फार्मा कंपनी पर कार्रवाई की खबर सामने आई है। बताया जा रहा है कि गलत दस्तावेज पेश करने को लेकर इनपर कार्रवाई शुरू हो चुकी है। शहर में मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने रेट कॉन्ट्रेक्ट की दवाओं का टेंडर फाइनल कर दिया है। साथ ही 1205 में से 1119 तरह की दवाओं की रेट अप्रूव कर फर्मों का चयन कर लिया गया। वहीं, 86 तरह की दवाओं की दरें अप्रूव करने से कमेटी ने मना कर दिया।
टेंडर के बाद प्रिंसिपल डॉ. गिरीश वर्मा ने दावा किया कि अप्रूव की गई दरों में से 20 फीसदी दवाइयों की रेट आरएमएससीएल की अप्रूव रेट से भी कम है और 50 फीसदी दवाइयों की रेट रीजनेबल है। टेंडर में 8 फर्में आई थी, इनमें से 3 फर्मों को बाहर कर दिया गया। दो फर्मों ने फर्जी दस्तावेज पेश किए, जिनके खिलाफ अलग से कार्रवाई शुरू की गई है। मिली जानकारी के अनुसार, करीब एक साल से रेट कॉन्ट्रेक्ट का टेंडर लंबित था। जिसकी वजह से एमबीएस, जेकेलोन व नए अस्पताल में गरीब मरीजों को दवाइयां नहीं मिल पा रही थी।