पटना। मलेरिया का पता लगाने के लिए जरूरी एंटीबॉडी डिटेक्टिंग रैपिड डायग्नोस्टिक टेस्ट पर रोक लगा दी गई है। केंद्र सरकार का मानना है कि इसके नतीजे सही नहीं मिल रहे। मलेरिया मच्छर के काटने पर एंटीबॉडी देर से बनता है और इसे पता करने के लिए रैपिड टेस्ट सही नहीं है। किसी अन्य कारण से बुखार होने पर भी मलेरिया की रिपोर्ट पॉजिटिव आ रही है, जबकि एंटीजन टेस्ट कराने पर निगेटिव रिपोर्ट मिल रही है। सस्ती और कई जगह मुफ्त में जांच होने से ज्यादातर लोग इसी जांच को कराते हैं। इस जांच की सच्चाई पता करने के लिए केंद्र सरकार ने एक्सपर्ट कमेटी गठित की थी। कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में जांच को सही नहीं बताया।
इसके बाद ड्रग एंड कास्मेटिक एक्ट 1940 के सेक्शन 26 ए के तहत केंद्र ने किट निर्माता कंपनी को इसकी बिक्री और वितरण पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने का निर्देश दिया है। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग के संयुक्त सचिव सुनील शर्मा ने इस बारे में अधिसूचना भी जारी कर दी है। पीएमसीएच में ब्लड बैंक के मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. उपेंद्र प्रसाद सिन्हा ने भी इसकी पुष्टि की। डॉ. सिन्हा का कहना है कि मलेरिया जांच के लिए फिलहाल स्लाइड टेस्ट, एंटीजन टेस्ट या फिर एलाइजा टेस्ट ही मान्य है। आयुष मेडिकल एसोसिएशन के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. राकेश पांडेय ने कहा कि यह निर्णय मरीज के हित में है।