सोनीपत। हरियाणा में संचालित ज्यादातर टेस्टिंग लैब का बुरा हाल है। डॉक्टर  और पैथोलॉजिस्ट के बिना ही इनका संचालन किया जा रहा है। स्थानीय डिप्टी सिविल सर्जन दिनेश छिल्लर ने सोनीपत शहर के अंदर चल रही लैब का निरीक्षण किया तो वहां चार लैब पर न डॉक्टर मिले और न ही पैथोलॉजिस्ट। लैब में एलटी की लिस्ट व किस डॉक्टर से अनुबंध कर लैब चल रही है, यह भी डिस्पले नहीं किया गया था। इस कारण इन लैब को नोटिस थमा दिया गया है। यदि लैब संचालक अपना स्पष्टीकरण सही नहीं दे पाए तो विभाग कार्रवाई करेगा। डिप्टी सिविल सर्जन दिनेश छिल्लर अपनी टीम के साथ लैब का निरीक्षण करने राज लैब, साहिल लैब, सूर्या लैब व संजय लैब का निरीक्षण करने पहुंचे थे।
स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि हरियाणा सरकार की नई गाइडलाइन के अनुसार अब हर लैब की जांच की जाएगी। जो लोग शर्तों के अनुसार काम नहीं कर रहे हैं, उन पर कार्रवाई होगी। लैब से कचरा कौन सी कंपनी उठा रही है, इसकी जानकारी भी डिस्पले पर देनी होगी। इस कदम से न केवल लैब संचालकों की मनमानी पर अंकुश लगेगा बल्कि फर्जी रिपोर्ट की संभावना भी नहीं रहेगी।
बता दें कि सोनीपत जिले में करीब 156 लैब हंै। इनमें करीब 60 लैब सोनीपत शहर में हैं, बाकि गन्नौर, खरखौदा समेत अन्य जगहों पर खुली हैं। इस बारे में सीएमओ डॉ. जेएस पुनिया ने बताया कि लैब संचालकों को रिपोर्ट पर अब एमबीबीएस डॉक्टर के हस्ताक्षर होने जरूरी है। जो लैब संचालक रिपोर्ट पर एमबीबीएस डॉक्टर के हस्ताक्षर नहीं करवाएगा, उसके खिलाफ नियमानुसार कानूनी कार्रवाई की जाएगी। स्वास्थ्य विभाग की टीम में शहरभर में चल रहे लैब का सर्वे किया गया। सर्वे करने पर पाया कि करीब 20 लैब में से 16 लैब संचालकों ने अभी तक एमबीबीएस डॉक्टर नहीं रखा है। इसके कारण इन 16 संचालकों को विभाग ने नोटिस थमा दिया है। साथ ही इसकी रिपोर्ट बनाकर विभाग के उच्चाधिकारियों के पास भेज दी गई है।