भोपाल: मेडिकल कांउसिल ऑफ इंडिया की रोक के बावजूद दवा कंपनियों के पैसों पर विदेशी सैर-सपाटा करने वाले मध्य-प्रदेश और छत्तीसगढ़ के 30 डॉक्टर फंस सकते हैं।
वजह ये कि प्रधानमंत्री कार्यालय ने दोनों राज्यों के मुख्य सचिवों को पत्र लिखकर इन डॉक्टरों के विरुद्ध कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। दूसरी तरफ एमसीआई ने इन डॉक्टरों को नोटिस देकर संपत्ति, बैंक खातों और विदेशी यात्राओं का हिसाब मांगा है। मामला साबित होता है तो डॉक्टरों का रजिस्ट्रेशन निलंबित हो सकता है। पिछले दिनों मध्य-प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने भी इस मामले में विभागीय अधिकारियों से विस्तृत रिपोर्ट मांगी थी, जो उपलब्ध भी करा दी गई है। रिपोर्ट के मुताबिक डॉक्टरों की जांच के लिए जल्द ही उच्चाधिकार कमेटी बनाई जाएगी। पूरे मामले में मेडिकल कांउसिल ऑफ इंडिया, भोपाल के रजिस्ट्रार सुबोध मिश्रा का कहना है दवा कंपनियों से लाभ लेकर विदेश यात्रा करने वालों में सबसे ज्यादा इंदौर शहर के डॉक्टर हैं। शिकायतों के बाद इनकी जांच कर उचित कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
उधर, छत्तीसगढ़ में मेडिकल कांउसिल ऑफ इंडिया ने कंपनियों के पैसे पर इटली की सैर करने वाले दो डॉक्टरों पर आयकर रिटर्न और विदेशी यात्रा से संबंधित सारे दस्तावेज पांच महीने पहले सप्ताह भीतर मांगे थे, जो उपलब्घ नहीं कराए गए हैं। शिकायतों में जो दस्तावेज प्राप्त हुए हैं उनके मुताबिक यहां के डॉक्टरों को लंदन की सैर कराने के लिए कंपनियों ने एक डॉक्टर पर औसतन दो लाख रुपए खर्च किए। एमसीआई, भोपाल के रजिस्ट्रार डॉ. श्रीकांत राजिमवाले कहते हैं कि दवा कंपनियों के पैसों पर सभी डॉक्टरों की विदेश यात्रा और उपहार लेना प्रतिबंधित हैं। जानकारी जुटाई जा रही है, लेकिन डॉक्टरों द्वारा ब्यौरा उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है।