पुणे। देशभर में ई-फार्मेसी के विरोध एवं पक्ष में रोजाना कोई ना कोई नया खुलासा सार्वजनिक होता रहता है। इस मामले में पूर्व में एआईओसीडी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.एस. शिंदे की दोहरी विचारधारा सामने आई थी जिसमें वे कहीं ई-फार्मेसी को समर्थन कर रहे थे तो कहीं दवा व्यापारियों की बैठक में इसका विरोध कर रहे थे। इन सबके बीच दवा विक्रेता असमंजस की स्थिति से गुजर रहे हैं। हाल ही में महाराष्ट्र एफडीए के कमिश्नर रहे महेश झगड़े ने दवा व्यवसाइयों की एक बैठक ली। इस मौके पर डॉ. आत्माराम पवार भी मौजूद रहे। महेश झगड़े ने दवा व्यवसाइयों को बताया कि ई-फार्मेसी के आमजन को क्या फायदे और क्या नुकसान हो सकते हैं। झगड़े ने बताया कि वे शीघ्र ही दवा व्यवसाइयों के भविष्य को सुरक्षित करने का बीड़ा उठाएंगे। इस मौके पर डॉक्टर पवार ने अपना मत रखा कि डॉक्टर व फार्मासिस्ट दवा लिखते और बेचते समय अपने आधार कार्ड से लिंक का प्रमाण अपलोड करें। इसके पश्चात जहां डॉक्टर रोगी को पर्ची पर लिखने के बाद अपना अंगूठा लगाएंगे, वहीं दवा व्यवसाई भी रोगी को दवा देने के बाद अपने फार्मासिस्ट के अंगूठे का इस्तेमाल कर सत्यापन करेंगे कि रोगी को दवा दे दी गई है। ऐसे में जहां डॉक्टर के जीवित एवं स्वस्थ होने की पुष्टि होगी, वहीं दवा व्यवसाई के पास हर समय फार्मासिस्ट की उपलब्धता रहेगी। अब यह तो समय ही बताएगा कि फार्मेसी के विरोध या पक्ष में क्या परिणाम सामने आते हैं।