शिमला। ड्रग हब हिमाचल में बन रही दवाओं के सैंपल फेल होने के बाद राज्य सरकार हरकत में आ गई है। सरकार ऐसी फार्मा कंपनियों की सूची तैयार कर रही है जिनके सैंपल लगातार फेल हो रहे हैं। पिछले 6 महीनों में हिमाचल में बनी दवाओं के 42 सैंपल फेल पाए गए हैं। स्वास्थ्य मंत्री विपिन परमार के साथ हाल ही में बैठक के दौरान अधिकारियों ने यह रिपोर्ट सौंपी। सैंपल फेल होने के बाद विभाग ने इनके चालान कोर्ट में पेश कर दिए गए हैं। साथ ही कंपनियों को नोटिस जारी कर दिया है। अब राज्य सरकार इनके लाइसेंस को रद्द करने की तैयारी में है।
गौरतलब है कि हिमाचल में 600 के करीब फार्मा कंपनियां है। इनमें बीबीएन, पांवटा साहिब, कालाअंब, सोलन, संसारपुर टैरेस, गगरेट, मेहतपुर व कुमारहट्टी औद्योगिक क्षेत्रों में हैं। 12 हजार करोड़ का कारोबार फार्मा कंपनियों का हिमाचल में है। केंद्रीय दवा मानक एवं नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने भी लगातार सैंपल फेल होने के बाद कई तरह के सवाल उठाए थे। केंद्रीय दवा मानक नियंत्रक संगठन (सीडीएसओ) हर महीने राष्ट्रीय स्तर पर ड्रग अलर्ट जारी करता है। इसमें जिन दवाओं के सैंपल फेल होते हैं, उनकी सूची जारी की जाती है। बाजार में ये दवाएं उपलब्ध होने के कारण रोगी इन दवाओं का सेवन भी कर लेते हैं क्योंकि सैंपल फेल होने के बाद ही इन दवाओं के स्टॉक को वापस मंगवाया जाता है। उससे पूर्व तो ये बाजार में बिक्री के लिए उपलब्ध होती हैं।
स्वास्थ्य मंत्री विपिन परमार  का कहना है कि वर्ष 2017-18 में 1902 दवाओं के सैंपल लेकर जांच के लिए भेजा गया था। इनमें से 403 दवाइयां सब-स्टैंडर्ड पाई गई। पिछले 6 महीनों के दौरान 42 दवाओं के सैंपल फेल हुए हैं। इन कंपनियों के खिलाफ कोर्ट में चालान पेश कर दिया है। अधिकारियों के साथ इसको लेकर बैठक हुई थी। जिन कंपनियों के सैंपल बार बार फेल हो रहे हैं उनके लाइसेंस रद्द कर दिए जाएंगे। दवाइयों की गुणवत्ता को लेकर कोई समझौता नहीं किया जाएगा।