सीतापुर (उप्र)। जिले के दवा कारोबारी अब आयकर की चोरी नहीं कर पाएंगे। वास्तविक बिक्री पर कर की अदायगी करनी होगी। अगर चोरी कर रहे हैं तो यह क्रॉस चेकिंग में पकड़ी जाएगी। इसके बाद जुर्माना लगाते हुए पूरा कर वसूला जाएगा।
यह सब आयकर विभाग द्वारा पैनकार्ड के माध्यम से किया जाएगा। इसके लिए पैनकार्ड की डिटेल खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन से मांगी गई है। डीआई से इसकी डिटेल एकत्र करनी शुुरू कर दी है। जिले के करीब 1600 फुटकर दवा विक्रेता है, जबकि 300 थोक व्यापारी हंै। अभी तक ये व्यापारी बिना पैनकार्ड के ही कारोबार कर रहे थे। अब शासन ने दवा के लाइसेंस में पैनकार्ड की अनिवार्यता कर दी है। बिना पैनकार्ड के लाइसेंस नहीं बनेगा। इसके बाद अब आयकर विभाग ने भी शिकंजा कसना शुरू कर दिया है।
ये व्यापारी रोजाना कितना कारोबार करते हैं, उसके बाद वर्ष के अंत में कितना आयकर जमा करते हैं। इसकी अब पूरी डिटेल पैनकार्ड से आसानी से मिल जाएगी। इस पर आयकर विभाग ने इन व्यापारियों को चिन्हित करना शुरू कर दिया है। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन से सभी व्यापारियों के पैनकार्ड नंबर मांगे हैं। इसके बाद इन व्यापारियों पर पैनी नजर रखी जाएगी। साथ ही अब तक पैनकार्ड नंबर पर हुई खरीद-फरोख्त का भी ब्यौरा देखा जाएगा। उसके बाद वास्तविक आंकलन करके कार्रवाई की जाएगी। इससे दवा कारोबारियों में हडक़ंप मच गया है। जिला औषधि निरीक्षक नवीन कुमार ने बताया कि आयकर विभाग ने पैनकार्ड नंबर व पावर कॉर्पोरेशन ने मेडिकल स्टोरों की सूची मांगी है। इस सूची को जल्द सौंप दिया जाएगा। उसके बाद यह विभाग अपने स्तर से कार्रवाई करेंगे। दवा कारोबारियों पर अब पावर कॉर्पोरेशन भी शिकंजा कसेगा। दरअसल, मेडिकल स्टोर संचालक करते तो व्यवसायिक कारोबार हैं लेकिन अधिकांश लोगों ने घरेलू कनेक्शन ले रखे हैं। इससे पावर कॉर्पोरेशन को प्रतिमाह लाखों का चूना लग रहा है। इस पर विभाग ने डीआई से मेडिकल स्टोर संचालकों की सूची तलब की है। इस सूची के बाद इनके विद्युत कनेक्शन चेक किए जाएंगे। अगर घरेलू मिलते हैं तो उनको कॉमर्शियल किया जाएगा। साथ ही, जुर्माना भी लगाया जाएगा।