कानपुर (रमेश अग्रवाल )। उत्तर प्रदेश के कानपुर के डीएम आलोक तिवारी ने औषधि विभाग के अधिकारी द्वारा दवा व्यापारी को बुलाने की शिकायत मिलने पर कडी नाराजगी जताई है। उन्होंने व्यापार बंधु की बैठक में मौजूद सभी विभागों के अधिकारियों को चेतावनी दी कि सारा काम ऑनलाइन हो रहा है, ऐसे में किसी भी व्यापारी को ऑफिस या अन्य किसी स्थान पर बुलाया गया तो भ्रष्टाचार का मुकदमा दर्ज कराया जाएगा। उन्होंने औषधि विभाग के अधिकारी को कैंप कार्यालय में तलब भी किया। कलेक्ट्रेट सभागार में औषधि विभाग के अधिकारियो के खिलाफ एफआईआर को अधिकारियो द्वारा तुगलगी फरमान बताया गया। अधिकारियो ने रोष जताते हुए कहा कि दवा व्यापारी अगर अपनी मनमर्जी से कार्यालय में आ जाते है ,तो वह अपने केविन से उठ कर उन्हें परिसर के बहार जाने का काम करते रहेंगे क्या ? एक केमिस्ट ने नाम न छपने की शर्त पर मेडिकेयर न्यूज़ को बताया कि मीटिंग में अंत में जा कर यह फैसला हुआ कि अधिकारियो की गैलरी में कैमरे लगाए जायेंगे। केमिस्ट के अनुशार इससे भी समस्या का समाधान होता नहीं िख रहा है। क्यों की कुछ औषधि अधिकारियो ने तो अपने दलाल मार्किट में छोड़ रखे है जो उगाई करके उन्हें रिश्वत का लिया पैसा पहुंचाते है।
एक घंटे चली बैठक में जैम कर हंगामा होता रहा। फीटा के उमंग अग्रवाल ने कहा कि ऑनलाइन आवेदन के बाद 15 दिन में ये बता देना चाहिए कि कोई कमी तो नहीं है। एडीशनल कमिश्नर ग्रेड टू जोन वन कमलेश्वर प्रसाद वर्मा के जवाब से व्यापारी संतुष्ट नहीं हुए।
उमंग अग्रवाल खडे होकर आरोप लगाने लगे तो डीएम ने समझाया कि इस तरह खडे होकर दबाव बनाने का प्रयास न करें। पी रोड के महेश मेघानी ने कहा कि कहने के बाद भी एडीशनल कमिश्नर ग्रेड वन नहीं आए। डीएम ने उन्हें भी समझाया कि इसकी चिंता ना करें। उन्होंने अपना प्रतिनिधि भेज दिया है। डीएम ने वाणिज्य कर अधिकारियों को अगली बैठक में रिफंड के पूरे आंकडे लाने के लिए कहा। व्यापारियों ने शिकायत की कि अधिकारी माल रोक लेते हैं और चालक का मोबाइल छीनकर उसे कार्यालय में बैठा लेते हैं।
डीएम ने इस संबंध में वाणिज्य कर आयुक्त को बॉडी वार्न कैमरे की व्यवस्था करने के लिए पत्र लिखने के लिए कहा। उन्होंने एडीएम सिटी की अध्यक्षता में एक टीम गठित करने के लिए कहा जिसमें वाणिज्य कर उपायुक्त प्रशासन सुरेंद्र सिंह व कुछ व्यापारी रहेंगे जो समस्याएं दूर करेंगे। कानपूर के कुछ दवा व्यवसाइयों का कहना है कि अगर हमारी उपरोक्त समस्या ख़त्म हो जाती है, तो योगी राज में यह दवा विभाग में रिश्वतखोरी के खिलाफ रोकने वाली रिश्वत खोरी का सबसे बड़ा कदम होगा, और केमिस्ट साथ चाहते है कि अगर कानपूर में कामयाब हो तो पुरे यूपी के कई जिलों में जो भ्रस्ट दवा अधिकारिय बैठे है। उनका भी पर्दा फाश करेंगे और योगी सरकार को बताएंगे कि, ऊपर तक पहुंचने के नाम पर दवा अधिकारी मंथली ले रहा है।