गोरखपुर (उप्र)। AIIMS प्रशासन ने मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव (एमआर) के प्रवेश पर रोक लगा दी है। यह कार्रवाई मरीजों की बढ़ती परेशानियों को देखते हुए की गई। एम्स में इलाज कराने आने वाले मरीजों को महंगी ब्रांडेड दवाओं की पर्ची थमाई जा रही थी। इससे उनके इलाज का खर्च काफी बढ़ गया था। प्रशासन ने सस्ती और प्रभावी जेनरिक दवाओं के निर्देश दे रखे हैं। इसके बावजूद कई डॉक्टर ब्रांडेड दवाएं लिख रहे थे। इससे मरीजों पर हजारों रुपये का अतिरिक्त आर्थिक बोझ पड़ रहा था।

केंद्र सरकार और एम्स प्रबंधन लगातार जेनरिक दवाओं को बढ़ावा देने के निर्देश जारी कर रहा है। इनकी मनमानी पर अंकुश लगाने के लिए अब प्रशासन ने सख्त कदम उठाया है। एमआर के अस्पताल परिसर में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है। इससे डॉक्टरों पर बाहरी प्रभाव कम होगा। वहीं, मरीजों को सस्ती दवाएं उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया जा सकेगा।

मरीजों की बेहतरी और किफायती उपचार सुनिश्चित करने के लिए यह फैसला लिया गया है। अस्पताल का उद्देश्य गुणवत्तापूर्ण और सुलभ चिकित्सा उपलब्ध कराना है। यह प्रतिबंध उसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।