लुधियाना (पंजाब)। फार्मा कंपनियां अब एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स (एएनटीएफ) के रडार पर आ गई हैं। एएनटीएफ ने 22 कंपनियों से रिकॉर्ड मांगा है। गौरतलब है कि प्रतिबंधित नशीली दवा व इंजेक्शन और अन्य ड्रग्स का नेटवर्क लगातार बढ़ता जा रहा है। प्रतिबंधित ड्रग्स के इस खेल में प्रदेश के ड्रग्स इंस्पेक्टरों, फार्मा कंपनियों और जेल में बंद तस्करों का लिंक पहले भी सामने आ चुका है।
अब एएनटीएफ ने पूरे नेटवर्क को खंगालने के लिए पंजाब और हिमाचल की कई फार्मा कंपनियों को रडार पर लिया है। बीते दिनों प्रदेश में सर्च ऑपरेशन के दौरान प्रतिबंधित दवाइयों की खेप और ड्रग्स पकड़ी गई। इनसे जुड़े मिले इनपुट पर पंजाब और हिमाचल की कई फार्मा कंपनियों को अपनी रडार पर लिया गया है।
एएनटीएफ ने हिमाचल के बद्दी स्थित पांच और पंजाब की 17 फार्मा कंपनियों, इनके डिस्ट्रीब्यूटर और कुछ केमिस्ट संचालकों से पूछताछ तेज कर दी है। इस पूरे नेटवर्क में पंजाब की जेल में बंद कई ड्रग्स तस्कर भी शामिल बताए गए हैं। वे जेल से ही प्रदेश के बॉर्डर एरिया से लेकर पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ और दिल्ली तक प्रतिबंधित ड्रग्स की खेप की सप्लाई करा रहे हैं।
नकली दवा फैक्टरी का हुआ था खुलासा
बता दें कि मोहाली में बीते दिनों नकली दवा फैक्टरी का भी खुलासा हुआ है। लांडरा-बनूड रोड स्थित गांव तंगोरी के एमके टेक्नोलॉजी पार्क में नकली दवाओं की फैक्टरी चलाई जा रही थी। इस नकली दवा फैक्टरी का संचालक पिंजौर निवासी छिंदा सिंह पंजाबी गायक है। यहां से पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और यूपी सहित अन्य राज्यों को नकली दवाइयों की सप्लाई जाती थी।