नोएडा। एंटीबायोटिक दवा का सैंपल फेल पाया गया है। यह दवा जिला अस्पताल में मरीजों को बांटी जा रही थी। इस दवा को इंदौर की मॉडर्न लैब ने जिला अस्पताल को सप्लाई किया था। लखनऊ स्थित केंद्रीय लैब की जांच में यह अधोमानक मिली है। जांच रिपोर्ट मिलने के बाद बचे हुए स्टॉक को सीज कर दिया है और इसके वितरण पर भी रोक लगा दी है।
यह है मामला
ड्रग इंस्पेक्टर जय सिंह ने बताया कि एंटी बायोटिक एमोक्सिलिन एंड पॉटेशियम क्लैवुलैनेट आईपी 625 मिग्रा सहित तीन दवाओं के सैंपल लिए गए थे। जिला अस्पताल के स्टोर से दवा के सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे गए थे। जांच रिपोर्ट मिलने के बाद एफएसडीए ने इसकी जानकारी जिला अस्पताल के प्रबंधन को दी। एफएसडीए की तरफ से स्टोर प्रभारी चीफ फार्मासिस्ट को नोटिस भी जारी किया गया है।
बताया गया है कि सैंपल लिए जाने के कुछ दिन पहले ही यह दवा जिला अस्पताल में सप्लाई में आई थी। करीब डेढ़ महीने से यद दवा मरीजों को दी जा रही है। शनिवार को रिपोर्ट आने के बाद इसके वितरण पर रोक लगा दी गई थी। दवा के बाकि स्टॉक को सीज कर दिया है और उसे कंपनी को वापस भेजा जाएगा।
जिला अस्पताल की सीएमएस डॉ. रेनू अग्रवाल का कहना है कि रिपोर्ट में एमोक्सिलिन मानक के मुताबिक 90 फीसदी मिली है। केवल इसको प्रभावी बनाने के लिए दवा में शामिल पॉटेशियम क्लैवुलैनेट की मात्रा 90 फीसदी की जगह 81 फीसदी पाई गई है। इससे मरीजों को कोई नुकसान नहीं होगा। इससे दवा का असर केवल कम हो जाता है। कंपनी के खिलाफ भी अस्पताल प्रबंधन आवश्यक कार्रवाई करेगा, ताकि अधोमानक दवाओं की सप्लाई आगे से न हो पाए।