छत्रपति संभाजीनगर (महाराष्ट्र)। सरकारी अस्पताल में सप्लाई की गईं एंटीबायोटिक गोलियां नकली पाई गई हैं। नांदेड़ के सरकारी अस्पताल में एंटीबायोटिक दवाओं के सैंपल लिए गए थे। इनकी जांच में पता चला कि उनमें आवश्यक औषधीय सामग्री की कमी थी। इसके चलते स्वास्थ्य अधिकारियों को सप्लायर्स के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने को कहा गया है।
स्वास्थ्य अधिकारियों ने कहा कि मौजूदा मामले में प्रयोगशाला में नियमित परीक्षण के दौरान 1.5 लाख एंटीबायोटिक गोलियां निर्धारित मानकों के अनुरूप नहीं मिली। नांदेड़ जीएमसीएच प्रशासन ने लैब रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए आगे की जांच के लिए खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) को 1.23 लाख गोलियां सौंपीं।
जिला सर्जन डॉ. नीलकंठ भोसिकर ने कहा कि हमें निविदाओं और प्रत्यक्ष सरकारी सप्लाई के जरिए दवाएं मिलती हैं। प्रत्येक बैच के साथ सप्लाया फर्म से एक प्रमाण पत्र होता है और सैंपल प्रयोगशाला परीक्षण के लिए भेजे जाते हैं। केवल एनएबीएल द्वारा प्रमाणित दवाओं को ही उपयोग के लिए मंजूरी दी जाती है। इस मामले में, परीक्षण रिपोर्ट आने के तुरंत बाद एंटीबायोटिक दवाओं को सील कर दिया गया।
एफडीए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि जांच में पता चला है कि उत्तराखंड, केरल और आंध्र प्रदेश से संचालित संदिग्ध सप्लायर्स के एक नेटवर्क ने अस्पताल को दवाओं की सप्लाई की। इनमें से कोई भी कंपनी अपने रजिस्टर्ड पते पर मौजूद नहीं मिली। शिकायतों के बाद महाराष्ट्र के एफडीए ने संबंधित राज्यों में नियामक निकायों से संपर्क साधा।