हैदराबाद (तेलंगाना)। मेडिकल स्टोर पर रेड कर औषधि नियंत्रण प्रशासन (डीसीए) ने आयुर्वेदिक सिरप प्लेटोकोर-टोटल जब्त किया है। इसमें भ्रामक और निषिद्ध दावे किए गए। दावा किया गया कि यह सभी प्रकार के फ्लू और बुखार में सहायक है। निर्माता ने अपने लेबल पर लिखा है कि यह दवा स्वाइन फ्लू और डेंगू के इलाज में सहायक है।

ये दावे औषधि एवं जादुई उपचार (आपत्तिजनक विज्ञापन) अधिनियम, 1954 का उल्लंघन करते हैं, जो कुछ निर्दिष्ट बीमारियों और विकारों के उपचार के लिए दवाओं के विज्ञापनों पर प्रतिबंध लगाता है। अधिनियम के तहत सामान्य रूप से बुखार के उपचारों के साथ-साथ स्वाइन फ्लू और डेंगू जैसी नामित बीमारियों के विज्ञापन प्रतिबंधित हैं।

यह है मामला

कुमुराम भीम आसिफाबाद जिले के कागजनगर में एक मेडिकल स्टोर पर छापेमारी की और अधिकारियों ने सिरप का स्टॉक जब्त कर लिया। यह कार्रवाई करीमनगर के सहायक निदेशक एम श्रीनिवासुलु की देखरेख में ड्रग्स इंस्पेक्टर जी असवानी द्वारा की गई। प्लेटोकोर-टोटल सिरप का निर्माण हरियाणा के पंचकूला जिले के सकेतड़ी में अल्ट्रा ग्रीन (यूनिट-ढ्ढ) द्वारा किया जाता है। इसका विपणन हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले के लोधीमाजरा में बायोकोर फार्मास्यूटिकल्स द्वारा किया जाता है। डीसीए अधिकारियों ने बताया कि जिम्मेदार पक्षों के खिलाफ कानून के अनुसार कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

डीसीए ने वारंगल के गिरमाजीपेट में भारी मात्रा में पशु चिकित्सा दवाओं के अवैध भंडारण और बिक्री का भी भंडाफोड़ किया और छापेमारी के दौरान 2.5 लाख रुपये मूल्य का स्टॉक जब्त किया। अधिकारियों ने विश्लेषण के लिए सैंपल मंगवा लिए हैं। जांच के बाद सभी अपराधियों के खिलाफ कानून के अनुसार कार्रवाई की जाएगी। दवाओं की अवैध बिक्री के संबंध में विश्वसनीय सूचना के आधार पर डीसीए अधिकारियों ने गिरमाजीपेट में साईकिरन पोल्ट्री एंड वेट मेडिकल्स नामक मेडिकल दुकान पर छापा मारा।

औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम के अंतर्गत बनाए गए औषधि नियमों के अनुसार, यदि दवाइयां एक से अधिक स्थानों पर बेची जाती हैं या बिक्री के लिए भंडारित की जाती हैं, तो ऐसे प्रत्येक स्थान के संबंध में अलग से लाइसेंस प्राप्त करना होगा। साईकिरन पोल्ट्री एंड वेट मेडिकल्स उक्त परिसर में बिना किसी ड्रग लाइसेंस के अवैध रूप से मेडिकल दुकान चला रहा था।