नई दिल्ली। दो एंटीबायोटिक दवाओं की खरीद और बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। केंद्र सरकार ने खाद्य-उत्पादक पशुपालन में इस्तेमाल के लिए क्लोरैम्फेनिकॉल या नाइट्रोफ्यूरान वर्ग के एंटीबायोटिक्स युक्त सभी दवाओं के आयात, निर्माण, बिक्री और वितरण पर प्रतिबंध लगा दिया है।

नोटिफिकेशन जारी

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने एक राजपत्र अधिसूचना जारी की है। शीर्ष औषधि सलाहकार निकाय, औषधि तकनीकी सलाहकार बोर्ड से सलाह के बाद यह प्रतिबंध लागू हो गया है।

मंत्रालय का कहना है कि क्लोरैम्फेनिकॉल या नाइट्रोफ्यूरान युक्त औषधियों के उपयोग से खाद्य-उत्पादक पशुपालन में जोखिम उत्पन्न होने की संभावना है। इन दवाओं के कई सुरक्षित विकल्प बाजार में उपलब्ध हैं। पोल्ट्री और अन्य पशु आहार पूरकों में इन दवाओं के दुरुपयोग की शिकायतें सामने आई थी।

इनके चलते ही यह प्रतिबंध लगाया गया है। समिति ने इन दवाओं के आयात, उत्पादन, वितरण और बिक्री पर प्रतिबंध लगाने के प्रस्ताव पर सहमति जताई। समुद्री उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण ने भी इस बारे में पशुपालन और डेयरी विभाग को ज्ञापन सौंपा था। इसके चलते क्लोरैम्फेनिकॉल और नाइट्रोफ्यूरान सहित कई एंटीबायोटिक दवाओं और पशु चिकित्सा दवाओं के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया था।

गौरतलब है कि क्लोरैम्फेनिकॉल जीवाणु प्रोटीन उत्पादन और वृद्धि को बाधित करता है। इसका उपयोग विभिन्न जीवाणु संक्रमणों के इलाज के लिए किया जाता है, लेकिन इसके दुष्प्रभाव भी हो सकते हंै। इसी प्रकार, मूत्र संक्रमण के इलाज के लिए एंटीबायोटिक्स का प्रयोग एक वर्ग नाइट्रोफ्यूरान भी खाद्य उत्पादक पशुओं में जीवाणुरोधी के रूप में उपयोग किया जाता है।