नई दिल्ली। दुर्लभ रोग के मरीज के लिए दवा खरीदने के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है। केरल हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार को स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी से पीड़ित एक मरीज को 50 लाख से ऊपर 18 लाख रुपये मूल्य की अतिरिक्त दवाइयां देने का निर्देश दिया था। सीजेआई संजीव खन्ना और जस्टिस संजय कुमार की पीठ ने केंद्र सरकार की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई के बाद प्रतिवादियों से जवाब मांगा है। कोर्ट इस मामले में 17 अप्रैल को अगली सुनवाई करेगा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पक्षकर इन दवाओं का निर्मार्ता कंपनी से संपर्क करें, ताकि ऐसे रोगियों का उपचार हो सके।

दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश पर भी रोक

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाई कोर्ट के उस आदेश पर भी रोक लगा दी है, जिसमें दुर्लभ बीमारियों के ईलाज के लिए 50 लाख रुपये की सीमा को हटाने का निर्देश दिया गया था।

गौरतलब है कि स्पाइनल मस्कुलर एट्रॉफी एक जेनेटिक डिसऑर्डर हैं। यह नर्वस सिस्टम और मांसपेशियों को बुरी तरह प्रभावित करता है। यह एक दुर्लभ रोग है। हालांकि, यह 10000 नवजात बच्चों में से किसी एक में पाया जाता है।