चंडीगढ़। नशीली दवा बिक्री मामले में नशा मुक्ति केंद्रों की बैंक जमा राशि ज़ब्त कर ली गई है। यह कार्रवाई प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पंजाब में निजी नशा मुक्ति केंद्रों पर की। नशीली दवाओं की अवैध बिक्री से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग जाँच के तहत 21 करोड़ की बैंक जमा राशि ज़ब्त की गई। एजेंसी ने पंजाब में कई जगहों पर छापेमारी की थी।
एजेंसी की जाँच अमित बंसल नामक डॉक्टर, दवा कंपनी, औषधि निरीक्षक और कुछ अन्य लोगों के खिलाफ दर्ज एफआईआर पर की गई। सूत्रों के अनुसार डा. बंसल पंजाब भर में 22 नशा मुक्ति केंद्र चलाते हैं। धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत 21 करोड़ मूल्य की बैंक जमा राशि ज़ब्त कर ली गई है।
बंसल द्वारा संचालित निजी नशा मुक्ति केंद्रों को पंजाब सरकार ने अपने केंद्रों में भर्ती मरीजों को बीएनएक्स दवा उपलब्ध कराने का काम सौंपा है। ये दवाइयाँ कथित तौर पर नए प्रकार के नशे के लिए अधिक मात्रा में ली जा रही थीं। बंसल ने अपने नशामुक्ति केंद्रों से इन सुविधाओं का दुरुपयोग किया और ऐसी दवाओं की अवैध बिक्री में शामिल रहे। रूपिंदर कौर नामक एक औषधि निरीक्षक की भी तलाशी ली गई। उन्होंने कथित तौर पर बंसल को उनके अस्पतालों से दवाओं की चोरी से संबंधित गलत निरीक्षण रिपोर्ट भेजने में मदद की थी। बीएनएक्स बनाने वाली रुसन फार्मा लिमिटेड दवा कंपनी को भी शामिल किया गया।