हैदराबाद। भारत बायोटेक ने हैजा रोग की ओरल वैक्सीन को लॉन्च किया है। दुनियाभर में हैजा रोग पर रोक लगाने के लिए भारत बायोटेक इंटरनेशनल लि. ने हैजे की ओरल वैक्सीन हिलकोल को लांच करने की घोषणा की। गौरतलब है कि ओरल हैजा वैक्सीन (ओसीवी) की वैश्विक मांग सालाना 10 करोड़ खुराक से ज्यादा है। वैश्विक स्तर पर ओसीवी की चार करोड़ खुराक की कमी है और नई वैक्सीन इस कमी को दूर करेगी, ऐसी संभावना है। क्लीनिकल परीक्षण में इस वैक्सीन के सुरक्षित होने की पुष्टि हो चुकी है और यह मौजूदा टीकों से कमतर नहीं है।
हैदराबाद प्लांट में बनाई जाएगी ये वैक्सीन
भारतीय औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआइ) ने कंपनी के हैदराबाद प्लांट में वैक्सीन के निर्माण की मंजूरी दे दी है। भारत बायोटेक 4.5 करोड़ डोज की वार्षिक क्षमता के साथ अपने हैदराबाद संयंत्र से उत्पादन शुरू करेगी। यह वैक्सीन, एकल खुराक वाला रेस्प्यूल है, जिसे 14 दिनों के अंतराल पर (दो खुराक) दिया जाता है। यह एक वर्ष से अधिक उम्र के बच्चों के लिए उपयुक्त है।
बताया गया है कि रेस्प्यूल में दवा तरल रूप में होती है। इसे नेबुलाइजर नामक मशीन में डाला जाता है। इसके बाद सांस के जरिये दवा शरीर के अंदर ली जाती है। भारत बायोटेक के कार्यकारी अध्यक्ष कृष्णा एला ने कहा कि भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड (बीबीआइएल) ने हैदराबाद और भुवनेश्वर में बड़े पैमाने पर विनिर्माण केंद्र स्थापित की हैं। इनमें हिलकोल की 20 करोड़ खुराक तैयार की जा सकेगी।
डीसीजीआई ने कंपनी के हैदराबाद प्लांट में वैक्सीन के निर्माण की मंजूरी दे दी है। हिलकोल (बीबीवी131) को भारत बायोटेक ने ङ्क्षसगापुर के हिलमैन लैबोरेटरीज (मर्क यूएसए और वेलकम ट्रस्ट द्वारा फंडेड) के लाइसेंस के तहत विकसित किया गया था। हिलकोल से वैश्विक स्तर पर हैजा से लडऩे के हमारे प्रयासों को बढ़ावा मिलेगा। बीबीआइएल जल्द ही अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों के माध्यम से दुनिया भर में वैक्सीन की आपूर्ति के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन से संपर्क करेगी।
बीबीआइएल का कहना है कि हमारा इरादा सबसे पहले अफ्रीकी महाद्वीप की मदद करना है, जहां स्थिति बदतर है।