चंडीगढ़। आयुष्मान योजना कैशलेस स्कीम में बड़ा घोटाला उजागर हुआ है। इसके चलते पीजीआई प्रशासन ने कड़े कदम उठाए हैं। बताया गया है कि मरीजों की दवाओं पर खुलेआम डाका डाला जा रहा था और पीजीआई प्रशासन अब जाकर नींद से जागा है।
चोरी की गई इंडेंट बुक और नकली स्टैंप के जरिए मरीजों के हक की दवाएं ग़लत हाथों में जा रही थीं।
पीजीआई की टीम ने एक संदिग्ध व्यक्ति को रंगे हाथों पकड़ा , जो कैशलेस मरीजों के नाम पर दवाओं की हेराफेरी कर रहा था। उसे पुलिस के हवाले कर दिया और पीजीआई व अमृत फार्मेसी ने मिलकर कानूनी शिकायत दर्ज कराई।
पीजीआई प्रशासन हुआ अलर्ट
पीजीआई प्रशासन ने फर्जीवाड़े पर रोक लगाने के लिए कई बड़े फैसले लिए है।
1. अब कैशलेस मरीजों की दवा के लिए पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होगी। अस्पताल का कंप्यूटर विभाग इसे एक हफ्ते में हॉस्पिटल इंफॉर्मेशन सिस्टम से जोड़ देगा।
2. इमरजेंसी विभाग के बाहर विशेष क्षेत्र बनाया गया है, जहां सिर्फ आयुष्मान भारत और अन्य कैशलेस योजनाओं के मरीजों को दवा दी जाएगी।
3. पीजीआई और अमृत फार्मेसी अतिरिक्त स्टाफ तैनात करेंगे, ताकि मरीजों को दवा और इम्प्लांट सीधे उनके बेड तक मिल सके।