बरेली (उप्र)। खून के सौदागर गिरोह का भंडाफोड़ कर 4 लोगों को अरेस्ट किया है। प्रेमनाथ व धीरेंद्र खून के जरूरतमंदों से आठ-दस हजार रुपये में सौदा तय करते थे। आर्थिक जरूरतमंदों को लालच देकर डोनर के तौर पर आइएमए ब्लड बैंक ले जाते थे। वहां ब्लड बैंक का सफाईकर्मी अभय व विनीत मदद करता था।

चारों आरोपितों के विरुद्ध संक्रमण फैलाने, धोखाधड़ी में एफआईआर दर्ज कर ली गई। आशंका है कि गिरोह के सदस्य नशेडिय़ों का भी खून बेचते थे। मरीजों को खून की जरूरत होने पर उन्हें बदले में डोनर देना होता है।

यह है मामला

मरीज के तीमारदार अस्पताल का पर्चा एवं डोनर लेकर ब्लड बैंक पहुंचते हैं। वहां रक्तदान के बाद मरीज के ब्लड ग्रुप के अनुसार खून दे दिया जाता है। प्रेमनाथ आइएमए ब्लड बैंक के पास जूस का ठेला लगाता है। धीरेंद्र उसके साथ बैठता था। वे दोनों नजर रखते थे कि ब्लड बैंक आने वाले किस जरूरतमंद के पास डोनर नहीं है।

ऐसे व्यक्ति की पहचान के बाद प्रेमनाथ सौदा तय करता था और आठ-दस हजार रुपये में बिना डोनर खून दिलाने की बात कहता। सौदा तय होने पर रिक्शा चालक, नशेड़ीको दो हजार का लालच देकर बतौर डोनर ब्लड बैंक ले जाते। वहां अभय व विनीत फॉर्म भरवाने में मदद करता था।

खून की जांच के बाद डोनर का खून निकाल लिया जाता। यदि खून दूषित निकलता है तो संक्रमण के खतरे के कारण नष्ट कर डोनर को सूचित किया जाता है। इस प्रकरण में चारों आरोपितों ने रिक्शा चालकों, नशेडिय़ों का भी खून निकलवाने की बात स्वीकारी है।