फिरोजाबाद। एफडीसी दवाओं पर प्रतिबंध लगाए जाने से दवा कारोबार को करोड़ों रुपये का भारी नुकसान हुआ है। बता दें कि विश्व स्वास्थ्य संगठन की सिफारिश पर केंद्र सरकार ने 156 एफडीसी दवाओं को प्रतिबंधित कर दिया है। दवा विक्रेताओं का कहना है कि वे अपने पास रखे इन दवाओं के स्टाक को कैसे खत्म करें।

दवा कारोबारियों के अनुसार फिरोजाबाद जिले में ही मेडिकल स्टोरों में 8 करोड़ से अधिक कीमत की प्रतिबंधित दवाओं का स्टॉक है। इन्हें खपाने के लिए कम से कम तीन माह का समय चाहिए।

ये दवाइयां की गई हैं बैन

केंद्र सरकार ने हाल ही में प्रतिबंधित 156 दवाओं की सूची जारी की है। इनमें ज्यादातर कांबिनेशन वाली टैबलेट, इंजेक्शन, सीरप और आईड्रॉप हैं। कांबिनेशन वाली दवाएं ज्यादातर निजी अस्पतालों में मरीजों को लिखी जाती हैं या झोलाछाप उपयोग में लाते हैं। ऐसे में प्रतिबंधित दवाओं का खासा स्टॉक होलसेल मेडिकल स्टोरों में है। तत्काल प्रभाव से दवाओं पर रोक लगने से होलसेल दवा विक्रेताओं को करोड़ों का नुकसान होगा।

फिरोजाबाद केमिस्ट व ड्रगिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. राजेंद्र शर्मा का कहना है कि प्रतिबंधित दवाओं की बिक्री रोकने में दवा व्यापारी सरकार को सहयोग करने के लिए तैयार हैं। सरकार उन्हें कुछ समय दे ताकि वे अपनी दुकानों में रखे दवाओं के स्टाकॅ को खत्म कर सकें।