नई दिल्ली। भारतीय फार्मा कंपनियों के लिए खुशखबरी है। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के टैरिफ से घबराए दवा निर्माताओं के लिए ये राहत भरी खबर है। चीन ने भारतीय फार्मा कंपनियों के लिए दरवाजा खोला है। चीन ने भारतीय फार्मा उत्पादों पर 30 फीसदी आयात शुल्क घटाकर शून्य कर दिया है। अब भारतीय कंपनियां चीन को दवाएं बिना किसी कस्टम ड्यूटी के बेच सकेंगी। बता दें कि अमेरिका ने भारतीय दवाओं पर 100 फीसदी टैरिफ लगाया है। ऐसे में चीन का यह फैसला भारतीय फार्मा सेक्टर के लिए नए अवसर लेकर आया है।
‘दुनिया की फार्मेसी’ है भारत
भारत को ‘दुनिया की फार्मेसी’ कहा जाता है। यहां बनी जेनेरिक दवाएं और वैक्सीन सस्ती कीमत पर पूरी दुनिया में सप्लाई होती हैं। अब तक चीन का बाजार भारतीय कंपनियों के लिए आसान नहीं था। वहां 30 फीसदी ड्यूटी के कारण दवाओं की कीमत बढ़ जाती थी। अब शून्य शुल्क के साथ भारतीय कंपनियों को चीन जैसे विशाल बाजार में सीधा मुकाबले का मौका मिलेगा। इससे न सिर्फ एक्सपोर्ट बढ़ेगा बल्कि भारत की वैश्विक हेल्थकेयर सप्लाई चेन में पकड़ और मजबूत होगी।
इस फैसले से भारत-चीन व्यापार संतुलन सुधारने में मदद मिलेगी। अभी तक व्यापार चीन के पक्ष में झुका रहता था। फार्मा एक्सपोर्ट से भारत को बड़ा फायदा हो सकता है। आने वाले वर्षों में भारतीय दवा निर्यात अरबों डॉलर तक बढ़ सकता है। वहीं देश में रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे और कंपनियों की आय में जबरदस्त उछाल देखने को मिलेगा।
यह कदम भारत को वैश्विक स्वास्थ्य आपूर्ति श्रृंखला में और मजबूत स्थिति देगा। चीन से मिली यह राहत भारतीय कंपनियों को नए बाजारों में तेजी से विस्तार करने का मौका देगी। यह फैसला सस्ती और भरोसेमंद दवाओं की सप्लाई के लिए गेमचेंजर साबित हो सकता है।