नई दिल्ली। रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन ने कोरोना की दवा 2-DG के मैन्युफैक्चरिेंग और मार्केटिंग का लाइसेंस ड्रग कंपनी Mankind Pharma को दिया है। ऐसे में उम्मीद की जा सकती है कि ये दवा बहुत जल्द आस-पड़ोस की दवा की दुकानों पर मिलने लगेगी। दरअसल 2-DG दवा को ग्वालियर स्थित रक्षा अनुसंधान और विकास प्रतिष्ठान ने डेवलप किया है। पीटीआई ने Mankind Pharma के बयान के आधार पर खबर दी है कि इसका क्लिनिकल ट्रायल DRDO की एक लैब ने इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूक्लियर मेडिसिन और एलाइड साइंसेस ने किया है। INMAS ने इसे डॉक्टर रेड्डीज लैबोरेटरीज के साथ मिलकर अंजाम दिया।
Mankind का कहना है कि 2-DG की मैन्युफैक्चरिंग उसके हिमाचल प्रदेश और विशाखापत्तनम स्थित फैक्ट्री में होगी। भारतीय दवा नियामक DCGI कोरोना के सामान्य और गंभीर मरीजों के इलाज में 2-DG के इस्तेमाल की इजाज़त 1 मई को पहले ही दे चुका है। ये दवा मुंह से ली जाती है। कोरोना के चलते अस्पताल में भर्ती मरीजों पर इस दवा का असर पॉजिटिव पाया गया। इससे उन्हें जल्दी रिकवरी करने में मदद मिली। इतना ही नहीं इस दवा की वजह से उनकी ऑक्सीजन पर निर्भरता भी कम हुई। Mankind Pharma का कहना है कि कंपनी का मकसद अधिकतम लोगों तक इस दवा की पहुंच सुनिश्चित करना है। ताकि इस भयानक महामारी से जूझ रहे जरूरतमंद भारतीय मरीजों को लाभ मिल सके।