गोरखपुर (उप्र)। ड्रग इंस्पेक्टर को नशीली दवाओं की जांच में लापरवाही बरतने पर निलंबित किया गया है। औषधि निरीक्षक राहुल कुमार भी निलंबित कर दिए गए। ड्रग इंस्पेक्टर पर औषधि अनुसेवक के इशारे पर कार्य करने के आरोप हैं। नए ड्रग लाइसेंस के आवेदनों की जांच में लापरवाही का भी गंभीर आरोप लगा है। पूरे मामले की जांच सहायक आयुक्त औषधि पूरन चंद को सौंपी गई है।

यह है मामला

पूर्वांचल में दवाओं की सबसे बड़ी मंडी भालोटिया में मनोचिकित्सा और दर्द निवारक दवाइयों को धंधेबाज नशेडिय़ों के लिए बेच रहे हैं। मामला पकड़े जाने के बाद दिल्ली पुलिस की स्पेशल टीम ने यहां छापा मारा। औषधि अनुसेवक मोहन तिवारी को निलंबित करते हुए वाराणसी कार्यालय से संबद्ध कर दिया गया। ड्रग इंस्पेक्टर राहुल कुमार को निलंबित कर लखनऊ से संबद्ध किया गया है। ड्रग इंस्पेक्टर पर लगे आरोपों की जांच सहायक आयुक्त औषधि पूरन चंद को सौंपी गई है।

औषधि निरीक्षक राहुल कुमार पर आरोप है कि वह अपने अधीनस्थ औषधि अनुसेवक मोहन तिवारी के इशारे पर काम करते थे। नए ड्रग लाइसेंस के लिए आए आवेदनों पर रिपोर्ट लगाने में मनमानी करते थे। वहीं संदिग्ध और नशीली दवाओं का सैंपल भी नहीं लेते थे। उनके हर महीने का टारगेट तक पूरा नहीं हो रहा था। ड्रग इंस्पेक्टर पर कोर्ट में चल रहे मामलों में भी पैरवी नहीं करने का आरोप है। बता दें कि निलंबित औषधि अनुसेवक पर व्यापारियों को धमकाकर पैसा वसूलने समेत कई अन्य गंभीर आरोप हैं।

करीब डेढ़ साल से गोरखपुर में तैनात ड्रग इंस्पेक्टर राहुल कुमार ने शहर के कई जगहों से नशीली दवाएं पकड़ीं थीं। कहीं भी खरीद-बिक्री की रसीद नहीं मिली। नकली व नशीली दवाओं के धंधेबाजों की जांच नहीं होती थी। दिल्ली पुलिस की स्पेशल टीम जांच करने भालोटिया आई तो पहले ही दिन मार्केट के खेल को पकड़ लिया।