जोधपुर (राजस्थान)। नशीली दवा की तस्करी में फरार आरोपी को गिरफ्तार करने में सफलता मिली है। आरोपी श्रीगंगानगर जिले में नशीली गोलियों की सप्लाई के मामले में पिछले 4 साल से फरार चल रहा था। उसकी गिरफ्तारी पर बीस हजार का इनाम भी घोषित था। आरोपी अपना नाम बदलकर फर्जी नाम से बस का टिकट बनवाकर जोधपुर लौट रहा था। इसी दौरान बीच रास्ते से पकड़ा गया.

पुलिस महानिरीक्षक विकास कुमार ने बताया कि टीम ने नशीली गोलियों की सप्लाई करने वाले तस्कर अशोक सिरोही को गिरफ्तार किया है। वह 4 वर्षों से गंगानगर जिले में नशे की गोलियों की सप्लाई के मामले में फरार चल रहा था और उसकी गिरफ्तार पर 20 हजार का इनाम भी घोषित किया गया था।

पता चला कि गिरफ्तार आरोपी नौवीं कक्षा फेल है और दूध की डेयरी चलाने के दौरान प्राइवेट टूरिस्ट फर्म में ड्राइवरी करने लगा। ड्राइवरी करते-करते उसका कई राज्यों के नशे के सौदागरों से संपर्क हो गया और उसके बाद नशे की गोलियों का कारोबार फैला लिया।

टूरिस्ट गाडिय़ों में पर्यटक साथ होने से पुलिस को संदेह नहीं होता था और आने-जाने का खर्च भी नहीं होता था। इसके साथ आरोपी नशे की गोलियों की सप्लाई भी करता था। 2021 में गंगानगर में ही उसका एक साथी बीस हजार नशीली गोलियों के साथ पकड़ा गया। पकड़े गए अमनदीप जाट ने स्विफ्ट कार से सांचौर से गंगानगर में नशीली दवा सप्लाई की पोल खोल दी।

इसमें अशोक का नाम सामने आया। विकास कुमार ने बताया कि अपना नाम नशीली दवाइयां की तस्करी में सामने आने पर आरोपी ने खुद का नाम विक्रम रख दिया। इस नए नाम से ड्राइविंग लाइसेंस भी बनवा लिया। आरोपी गांव में पैसे लेने के लिए विक्रम नाम से प्राइवेट एजेंसी की बस में टिकट बुक करा कर पुणे से चढ़ा। वह पाली से जोधपुर के बीच में पहुंचा तो पुलिस टीम ने बस रुकवा कर आरोपी को पकड़ लिया।