नई दिल्ली। ड्रग सप्लायर गिरोह का भंडाफोड़ कर चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है। यह सफलता दिल्ली पुलिस के एंटी-नारकोटिक्स टास्क फोर्स (एएनटीएफ) को मिली। जब्त की गई दवाओं में प्रतिबंधित नशीली दवा ट्रामाडोल टैबलेट और पेंटाजोसिन इंजेक्शन शामिल हैं। जब्त की गई दवाओं और इंजेक्शन की कुल कीमत लगभग 1 करोड़ रुपये है।
यह है मामला
एएनटीएफ क्राइम ब्रांच के अतिरिक्त डीसीपी भीष्म सिंह ने बताया कि जब्त की गई दवाओं और इंजेक्शन की कुल कीमत लगभग 1 करोड़ रुपये है। इसके अतिरिक्त, 4 करोड़ रुपये की अनुमानित कीमत की चार अन्य संपत्तियों की पहचान की गई है।
गुप्त सूचना के आधार पर महरौली-बदरपुर रोड पर बत्रा अस्पताल के पास एक आरोपी चंदन कुमार राउत को गिरफ्तार किया गया। आरोपी प्रतिबंधित ट्रामाडोल गोलियों का कारोबार करते हुए पकड़ा गया था। उसने दवा दुकानों पर काम करते हुए विभिन्न सप्लायर्स से संपर्क बना लिए थे और बड़ी मात्रा में एनआरएक्स दवाइयां बेच रहा था। इसके अलावा तीन और व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है। राउत के आपूर्तिकर्ता और ओखला में शिवा फार्मा के मालिक अरविंद सिंह को गिरफ्तार किया गया। अरविंद सिंह ने कई आपूर्तिकर्ताओं से प्रतिबंधित पदार्थ मंगाने और इसे काले बाजार में बेचने की बात स्वीकार की।
अरविंद सिंह के खरीदार और आपूर्तिकर्ता परशुराम को भी गिरफ्तार किया गया। उसके घर की तलाशी में ट्रामाडोल (1,147 ग्राम) युक्त 1,935 कैप्सूल और टैबलेट, अल्प्राजोलम (93 ग्राम) की 615 गोलियां और पेंटाजोसिन एम्प्यूल्स (62 मिली) जब्त हुई।
तीसरे आरोपी की पहचान लाजपत नगर में हेल्थ लाइफ फार्मेसी के मालिक सुशांत गर्ग के रूप में हुई। वह अफगानिस्तान और जम्मू कश्मीर के उपभोक्ताओं को प्रतिबंधित कोडीन सिरप सप्लाई करता था। गर्ग ने सिरप को फिर से पैक करके डिलीवरी सेवा के माध्यम से थोक में वितरित करने की बात स्वीकार की। फिलहाल चारों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और जांच की जा रही है।