उत्तराखंड। पांच फार्मा कंपनियों पर ईडी ने छापेमारी की है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने हरिद्वार, ऋषिकेश और काशीपुर में हुई इस कार्रवाई में दवा बिक्री स्टॉक और ट्रांजेक्शन की जांच की जा रही है। एसटीएफ की एफआईआर के आधार पर हुई इस कार्रवाई में नशा तस्करों और फार्मा कंपनियों के गठजोड़ का पर्दाफाश होने की संभावना है जिन्होंने मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए करोड़ों कमाए।

इनक कंपनियों में बायोजेनेटिक ड्रग्स प्रा. लि., सीबी हेल्थकेयर, स्माइलैक्स फार्माकेम ड्रग्स इंडस्ट्रीज, सोल हेल्थ केयर (आई) प्रा. लि. और एस्टर फार्मा) के नाम शामिल हैं। ऋषिकेश, हरिद्वार और काशीपुर के ठिकानों पर जांच की गई। फार्मा कंपनियों में दवा बिक्री, सप्लायर, स्टाक, ट्रांजेक्शन आदि की जांच की जा रही थी। बता दें कि नशा तस्करों और फार्मा कंपनियों के गठजोड़ के विरुद्ध ईडी की यह कार्रवाई उत्तराखंड के साथ ही उत्तर प्रदेश, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान और महाराष्ट्र में एक साथ 15 ठिकानों पर की गई।

यह कार्रवाई एसटीएफ की ओर से बीते वर्ष दर्ज एफआइआर के आधार पर की। ईडी ने जांच में पाया कि फार्मा कंपनियों के साथ गठजोड़ कर नशा तस्करों ने कई नशीली दवाओं की आपूर्ति की है। इसके अलावा दवा निर्माण के लिए कच्चे माल की खरीद का परीक्षण भी किया गया। इस आपराधिक गठजोड़ ने नशा तस्करों ने कई सौ करोड़ों रुपए बनाए है और इसे सीधे तौर पर मनी लांड्रिंग के रूप में माना गया। फार्मा और नशा तस्करों के गठजोड़ पर की जा रही कार्रवाई में ईडी की एंट्री के बाद फार्मा सेक्टर में हडक़ंप की स्थिति है।

सूत्रों के अनुसार नशा तस्करों तक पहुंचने के मामले में ड्रग पैडलर एलेक्स पालीवाल की पूर्व में गिरफ्तारी की जा चुकी है। एक दवा तो ऐसी पाई गई, जिसका कुछ ही माह में 20 करोड़ से अधिक अल्प्राजोलम टैबलेट का उत्पादन किया गया।