बेहटामुजावर उन्नाव (उप्र)। डी-फार्मा कराने के नाम पर एक कॉलेज प्रबंधक ने 53 छात्रों से 23 लाख रुपये हड़प लिए। छात्रों ने डिग्री फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया में पंजीकरण करानी चाही तो ऑनलाइन सत्यापन में फर्जी निकली। न्यायालय के आदेश पर कॉलेज प्रबंधक पर रिपोर्ट दर्ज कर पुलिस जांच कर रही है।
यह है मामला
गांव अटवावैक स्थित दुर्गाप्रसाद रामस्वरूप विद्यालय के प्रबंधक तेजकुमार ने न्यायालय में शिकायती पत्र देकर बताया था कि वह अपने कॉलेज से पढक़र निकलने वाले छात्रों का प्रवेश तकनीकी संस्थानों में कराते हैं। उनकी मुलाकात लखनऊ के हजरतगंज निवासी आयुष तिवारी से हुई थी।
आयुष ने अपने को अटल पैरामेडिकल इंस्टीट्यूट का प्रबंधक बताते हुए कहा था कि उनके यहां भी डी-फार्मा का कोर्स कराया जाता है। उनके कहने पर करीब 53 छात्रों का डी-फार्मा में उनके कॉलेज में दाखिला कराया और 23 लाख रुपये फीस जमा कर दी। इसकी रसीद भी दी गई। दो साल का कोर्स पूरा होने पर कॉलेज प्रबंधन ने छात्रों को डी-फार्मा का प्रमाणपत्र और अंकपत्र दिए।
छात्रों ने फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया में जब पंजीकरण कराने के लिए आवेदन किया तो डिग्री सत्यापन में फर्जी मिली। न्यायालय ने प्रबंधक पर रिपोर्ट दर्ज करने के आदेश दिए थे। प्रबंधक तेज कुमार ने बताया कि लखनऊ के प्रबंधक आयुष तिवारी ने 53 फर्जी मार्कशीट दी हैं और उन्हें न्यायालय में लगाया गया है। थानाध्यक्ष मुन्ना कुमार ने बताया कि न्यायालय के आदेश पर प्रबंधक आयुष तिवारी पर रिपोर्ट दर्ज कर जांच की जा रही है।