मोतिहारी। मेडिकल स्टोरों पर रेड के दौरान आयरन बढ़ाने की नकली दवा बरामद हुई है। छापेमारी के बाद औषधि विभाग ने इस दवा की बिक्री पर रोक लगा दी है। इससे पहले भी गैस्ट्रिक की दवा पेंटी 40 और एंटीबायोटिक 625 फर्जी बैच की पकड़ी गई थी। इसे जब्त कर इनकी बिक्री पर रोक लगाई गई थी।
तीन महीने में इस नकली दवा सहित बगैर बिल की करीब पचास लाख की दवाइयां जब्त की गई। वहीं दो दर्जन से अधिक मेडिकल स्टोर पर केस भी किया गया है। कई लाइसेंसी दुकान में मैकिलियोडस कम्पनी की आरोफर एफसीएम दवा का मिलान नहीं हुआ। इन्हें जांच के लिए पटना लैब भेजा गया तो ये नकली पाई गई।
नकली दवा की पहचान के लिए सरकार ने करीब तीन सौ दवाओं का क्यूआर कोड जारी किया है। कोई भी ग्राहक दवा दवा पर लिखे क्यूआर कोड का मोबाइल से मिलान कर सकता है। कोड से नकली दवा, बगैर बैच नंबर या जाली बैच नंबर का पता चलता है।
उत्तर प्रदेश ,पटना सहित पूर्वी चंपारण में लगातार दवा कंपनी के जाली बैच नंबर के साथ बगैर बिल की दवा पकड़ी गई हैं। इसके बाद सरकार ने एक बार कोड जारी किया है। इस बार कोड से नकली दवा की पहचान की जा सकती है। जिले में पांच हजार से अधिक बगैर लाइसेंस की दवा का संचालन हो रहा है। इन दुकानों में होलसेलर के द्वारा बगैर बिल की लाखों की दवा सस्ती कीमत पर सप्लाई की जा रही है।
अधिकांश दवा पर किसी दवा कंपनी का फर्जी बैच नंबर लगा होता है। कुछ दवा बगैर बैच नंबर की भी होती हैं जिसे कम रेट पर बगैर लाइसेंस धारक को दिया जा रहा है। दवा विक्रेता संघ ने ड्रग विभाग के जांच अभियान में पारदर्शिता लाने की मांग की है।