बिजनौर (उप्र)। छह दवाइयां जांच में फेल पाई गई हैं। इसके चलते संबंधित फार्मा कंपनियों पर केस दर्ज करवा दिया गया है। इनमें सरकारी सप्लाई में आया ड्रग वेयर हाउस की दवा का सैंपल भी अधोमानक निकला है। औषधि निरीक्षक की ओर से दवा कंपनियों व संबंधित के खिलाफ सीजेएम कोर्ट में वाद दायर किया गया है।

यह है मामला

औषधि निरीक्षक उमेश भारती ने बताया कि मंडावर के मोहल्ला शाहविलायत में क्वालिटी मेडिकोज से निरीक्षण के दौरान फेलनिक-सीवी टेबलेट का सैंपल लिया था। यह दवा यूनिशॉर्प ऑर्गन प्राइवेट लिमिटेड आलमगीर कंपनी से निर्मित थी। जांच में यह टेबलेट नकली पाई गई। इसके अलावा ड्रग वेयर हाउस से लिया गया सेफेक्सीम ओरल सस्पेंशन जांच में अधोमानक मिला है। यह दवा रेमसन रेमिडेज, अमृतसर की कंपनी में बनी थी।

वहीं, मनि मेडिकोज से लिया गया साफी-एक्स ड्राई सिरप का सैंपल जांच में अधोमानक मिला। इस दवा को उपकार फार्मास्युटिकल गोंडपुर, सिरमोर की कंपनी ने बनाया था। कासमपुर गढ़ी में अदनान मेडिकल स्टोर से रेबकोस डीएसआर का सैंपल भी जांच में अधोमानक पाया गया है। यह दवा फोरगो फार्मास्युटिकल बरोटीवाला, बद्दी, सोलन की कंपनी में बनी थी।

उन्होंने बताया कि बिजनौर में सुपर मेडिकल हॉल से लिया गया मॅगापोड दवा सैंपल भी जांच में फेल मिला है। यह दवा एलवी लाइफ साइंस, वीपीओ गुरुमाजरा, बद्दी की कंपनी में बनी थी। इसके अलावा वाइडरोब-200 का सैंपल बिजनौर में सिविल लाइन स्थित मेडिसिन प्वाइंट शिप्रा मार्केट से लिया था और ये जांच में अधोमानक मिला है। यह दवा श्री रामसेठ इंडस्ट्री प्राइवेट लिमिटेड जूडीकलां बद्दी की कंपनी में बनी थी।

उमेश भारती ने बताया कि सभी दवा कंपनियों व संबंधित के खिलाफ सीजेएम कोर्ट में केस दर्ज करा दिया गया है। इनमें सरकारी सप्लाई का सेफेक्सीम ओरल सस्पेंशन भी अधोमानक निकला। उपरोक्त फेल पाई गई दवाओं की बिक्री पर रोक लगा दी गई है।