भुवनेश्वर। अस्पताल में इंजेक्शन से पांच मरीजों की मौत हो जाने का मामला प्राकश में आया है। कोरापुट एसएलएन मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में इंजेक्शन लेने के बाद छह मरीजों की मौत की जांच के आदेश दिए गए हैं। मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी के आदेश पर पांच सदस्यीय विशेषज्ञ समिति का गठन किया गया है।
यह है मामला
गौरतलब है कि कालाहांडी जिले की फूलमती माझी कैंसर, सेमलीगुड़ा के सुप्रा माझी और रुक्मिणी पेंथिया को चाकू लगने के बाद इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती हुए थे। कोटपाड के जगन्नाथ पुजारी सडक़ दुर्घटना में घायल हो गए थे और उन्हें मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था। इन सभी को सर्जरी के बाद सर्जरी विभाग के आईसीयू में रखा गया था। भगवान परिजा और बाटी खरा का जनरल सर्जरी वार्ड में इलाज चल रहा था। इन सभी मरीजों को इंजेक्शन लगाए गए। इंजेक्शन लेने के करीब दो घंटे बाद भगवान और बाटी के साथ सुप्रा, रुक्मिणी, फूलमती की मौत हो गई। जगन्नाथ का आज तडक़े निधन हो गया। परिजनों का आरोप है कि इंजेक्शन लेने के कुछ घंटे बाद ही सभी मरीजों की मौत हुई है। उन्होंने अस्पताल के अधिकारियों की ओर से लापरवाही और गलत इंजेक्शन लगाने का आरोप लगाया। तनाव बढऩे पर मौके पर पहुंची पुलिस ने चारों मरीजों के शवों को बरामद कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। अन्य दो मरीजों के शव परिवार के सदस्य अपने साथ ले गए। चिकित्सा अधीक्षक और डीन डॉ सुशांत कुमार साहू ने कहा कि मरीज की जान बचाने के लिए प्रोटोकॉल के तहत इंजेक्शन दिए थे। मरीज को दिए गए इंजेक्शन को जांच के दायरे में लाया गया है। डीएमईटी ने मामले की जांच के लिए एक विशेषज्ञ टीम का गठन किया है।