अहमदाबाद। फार्मा क्षेत्र में गुजरात रिकॉर्ड 183 संयंत्रों के साथ देशभर में सबसे आगे है। राज्य ने वित्त वर्ष 2024-25 में 183 नई एलोपैथिक दवा निर्माण इकाइयों को मंजूरी देकर भारत के फार्मास्युटिकल लीडर के रूप में अपनी स्थिति को मजबूत किया है, जो कि कोरोना महामारी के बाद से सबसे अधिक संख्या है।
इसके चलते मार्च 2019 से स्वीकृत नए एलोपैथिक औषधि संयंत्रों की कुल संख्या 800 से अधिक हो गई है, जो देश के फार्मास्युटिकल परिदृश्य में राज्य की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करता है।
गुजरात खाद्य एवं औषधि नियंत्रण प्रशासन (एफडीसीए) के आयुक्त एचजी कोशिया ने बताया कि ये नए संयंत्र शीघ्र ही चालू हो जाएंगे। इससे फार्मा क्षेत्र में गुजरात का प्रभुत्व और मजबूत होगा। बताया गया है कि प्रति संयंत्र औसत निवेश 50 करोड़ रुपये होने का अनुमान है और कुछ कंपनियां इससे भी अधिक निवेश कर रही है। इससे वित्तीय वर्ष के लिए कुल निवेश लगभग 12,000 करोड़ रुपये होने की उम्म्ीद है। वहीं, अनुकूल कारोबारी माहौल के कारण उत्तर भारत से कई दवा इकाइयां गुजरात में स्थानांतरित हो रही हैं। राज्य में कुल 4 हजार से ज़्यादा विनिर्माण इकाइयाँ हैं, जो लगभग 50,000 लोगों को रोजग़ार प्रदान करती हैं।