कोलकाता। पश्चिम बंग फार्मा को विनिर्माण बंद करने का आदेश दिया गया है। ये आदेश कलकत्ता उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ ने दिया है। कोर्ट ने साथ ही राज्य सरकार से उन सभी पीडि़तों के परिवारों को मुआवजा देने को कहा है, जो सरकारी अस्पताल में एक्सपायर रिंगर्स लैक्टेट दिए जाने से बीमार पड़ गए थे।

अदालत ने पश्चिम बंग फार्मास्यूटिकल्स लिमिटेड को अगले आदेश तक वाणिज्यिक उद्देश्यों के लिए अपनी विनिर्माण गतिविधियों को तत्काल बंद करने को कहा है। पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा खरीदे गए इसके सभी स्टॉक को तत्काल वापस ले लिया जाएगा, भले ही वे समाप्त न हुए हों।

यह है मामला

बता दें कि बीती 8 जनवरी को बच्चे को जन्म देने वाली मामोनी रुइदास नाम की महिला की मौत हो गई औरचार अन्य की हालत गंभीर हो गई। मामला मिदनापुर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (एमएमसीएच) का है। मृतक के परिजनों ने आरोप लगाया कि उसकी मौत अंत:शिरा द्रव में एक्सपायर्ड रिंगर लैक्टेट के कारण हुई। अन्य चार जीवित महिलाओं में से एक रेखा शॉ के नवजात शिशु की भी मौत हो गई।

मामले की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगनम और न्यायमूर्ति हिरणमय भट्टाचार्य की खंडपीठ ने प्रशासन से अगले दो सप्ताह के भीतर अपनी कार्रवाई रिपोर्ट पेश करने को कहा। हाईकोर्ट ने कहा कि रिपोर्ट में पश्चिम बंगा फार्मास्यूटिकल्स के खिलाफ की गई कार्रवाई का विवरण होना चाहिए, जिसे पहले कर्नाटक और बाद में पश्चिम बंगाल सरकार ने ब्लैक लिस्ट किया था।

ममता बनर्जी सरकार ने राज्य भर के सभी अस्पतालों से कहा कि वे फार्मा कंपनी द्वारा निर्मित या खरीदी गई किसी भी दवा का इस्तेमाल तुरंत बंद कर दें, जो पिछले साल 9 से 11 नवंबर के बीच कर्नाटक स्थित एक चिकित्सा सुविधा में मातृ मृत्यु में तेजी के बाद जांच के दायरे में आई थी।

राज्य स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि जांच शुरू कर दी गई है। इस बीच, ममता बनर्जी ने जूनियर डॉक्टरों और प्रशिक्षुओं सहित 12 डॉक्टरों को घटना के सिलसिले में निलंबित कर दिया है और उनके खिलाफ आपराधिक जांच की जाएगी। गौरतलब है कि इस इंजेक्शन का इस्तेमाल अस्पतालों में कम रक्त की मात्रा या कम रक्तचाप वाले रोगियों में पानी और इलेक्ट्रोलाइट की कमी को पूरा करने के लिए किया जाता है।