नई दिल्ली। स्वास्थ्य मंत्रालय ने 34 रोगाणुरोधी दवाओं पर प्रतिबंध लगाया है। पशुओं में इस्तेमाल के लिए 34 रोगाणुरोधी दवाओं और उनके फॉर्मूलेशन के आयात, निर्माण और बिक्री पर प्रतिबंध लगाया है। यह प्रतिबंध यूरोपीय संघ के देशों सहित अन्य देशों द्वारा की गई इसी तरह की कार्रवाई के अनुरूप है।
पशुओं में इस्तेमाल के लिए प्रतिबंधित की जाने वाली प्रस्तावित दवाओं की सूची में 15 एंटीबायोटिक्स शामिल हैं। इनमें यूरिडोपेनिसिलिन, सेफ्टोबिप्रोल, सेफ्टारोलाइन, साइडरोफोर सेफलोस्पोरिन, कार्बापेनेम्स, पेनेम्स, मोनोबैक्टम, शामिल हैं। इनके अलावा ग्लाइकोपेप्टाइड्स, लिपोप्टाइड्स, ऑक्साज़ोलिडिनोन्स, फिडैक्सोमिसिन, प्लाज़ोमिसिन, एरावासाइक्लिन और ओमाडासाइक्लिन शामिल हैं।
अमैंटाडाइन, बालोक्साविर मार्बॉक्सिल, फेविपिराविर, गैलिडेसिविर, लैक्टिमोडोमाइसिन, लैनिनामिविर, मेथिसाज़ोन, मोलनुपिराविर, ओसेल्टामिविर, रिबाविरिन सहित 18 एंटीवायरल दवाओं की एक और सूची भी अधिसूचना का हिस्सा है। इसके अलावा, एंटीप्रोटोज़ोअल दवा नाइटाज़ोक्सानाइड को भी पशुओं में इस्तेमाल के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया है।
मंत्रालय ने कहा कि सूची में शामिल किसी भी रोगाणुरोधी या रोगाणुरोधी समूह का पशुओं में उपयोग मनुष्यों के लिए जोखिम भरा हो सकता है। पशुओं में उपयोग के लिए इन दवाओं के सुरक्षित विकल्प बाजार में उपलब्ध हैं।










