नई दिल्ली। चिकित्सा उपकरण नियमों में आवश्यक बदलाव किया गया है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने अपने पैकेजिंग विनियमों को चिकित्सा उपकरण नियम, 2017 के साथ संशोधित किया है। इसका उद्देश्य ओवरलैपिंग मानकों को समाप्त करना और निर्माताओं के लिए अनुपालन को सरल बनाना है। यह स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में उपभोक्ता जानकारी को स्पष्ट करना है।
केंद्र ने चिकित्सा उपकरण क्षेत्र को लक्षित करते हुए पैकेज्ड कमोडिटीज संशोधन नियम, 2025 को अधिसूचित किया। इसके तहत, किसी भी पैकेजिंग घोषणाओं का अब सामान्य मेट्रोलॉजी कानूनों के बजाय चिकित्सा उपकरण नियम, 2017 का पालन करेंगे। इसमें चिकित्सा उपकरणों के लिए अंकों और अक्षरों के फॉन्ट आकार आदि शामिल हैं। यह बदलाव अनिवार्य लेबलिंग आवश्यकताओं को सरल बनाता है। निर्माताओं के लिए अधिक स्पष्टता और लालफीताशाही को कम करता है।
इन नियमों के तहत चिकित्सा उपकरणों पर कानूनी मेट्रोलॉजी नियम, 2011 के नियम 33 छूट लागू नहीं होगी। ये छूट गैर-चिकित्सा उत्पादों तक सीमित रहेंगी। चिकित्सा उपकरणों के लिए प्रिंसिपल डिस्प्ले पैनल पर घोषणाएं प्रदर्शित करने की आवश्यकता को समाप्त कर दिया है। इससे केवल 2017 के ढांचे का पालन किया जा सकेगा। यह लक्षित संरेखण अस्पष्टता को कम करता है और स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में प्रथाओं को मानकीकृत करता है।










