चंडीगढ़। पशुओं को अधिक दूध के लिए ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन देने पर हाईकोर्ट ने हैरानी जताई है। पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने पशुओं पर क्रूरता रोकने के लिए पंजाब सरकार को जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है।
यह है मामला
द पीडुज पीपल वेलफेयर सोसायटी ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की। एडवोकेट मनप्रीत सिंह भट्टी के माध्यम से हाईकोर्ट को बताया कि आसपास की डेयरियों में पशुओं पर क्रूरता हो रही है। उन्होंने 227 डेयरियों में 3887 पशुओं का सर्वे किया था। इस सर्वे में पाया गया कि ज्यादातर पशुओं को अधिक दूध के लिए ऑक्सीटोसिन का टीका लगाया जा रहा है। अधिकतर स्थानों पर पशुओं को बेहद दयनीय स्थिति में रखा गया है। डेयरियों में सफाई व्यवस्था का अभाव है और पशुओं के पीने के लिए साफ पानी तक मौजूद नहीं है।
कुछ मामलों में तो पशुओं को दो फीट की रस्सी से बांधा गया और उनके पास खड़े होने तक के लिए उचित स्थान नहीं था। सर्वे में जो बात सबसे ज्यादा चिंताजनक थी वह यह कि पशुओं को अधिक दूध के लिए ऑक्सीटोसिन टीका लगाया जा रहा है। इस टीके को अधिकतर डेयरी वाले खुद ही लगाते हैं और इसके लिए बार-बार एक ही सिरिंज का इस्तेमाल होता है। यह टीका पशुओं के लिए तो हानिकारक है ही, लेकिन इसको लगाने के बाद निकाला गया दूध सेवन करने वालों के स्वास्थ्य के लिए भी नुकसानदायक है।
शिकयत करने पर पुलिस ने आकर केवल खानापूर्ति की और कई मामलों में एफआईआर दर्ज नहीं की। विभिन्न स्तर पर प्रयास के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई।