ICMR:  दिल्ली स्थित भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (IMCR) ने स्पष्ट किया है कि कोरोना वैक्सीन  लेने से दिल के दौरा पड़ने का कोई संबंध नहीं है। ये दावा सरासर गलत है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने जानकारी दी कि पिछले कुछ वक्त से सोशल मीडिया पर लगातार हार्ट अटैक के मामले सामने आ रहे हैं। इनके पीछे कोरोना वैक्सीन को जिम्मेदार माना जा रहा है। लेकिन, आईसीएमआर की अप्रकाशित शुरुआती रिपोर्ट में टीकाकरण से हार्ट अटैक आने का कोई संबंध नहीं मिला।

हमारे वैज्ञानिक और उनके तथ्यों पर हमें भरोसा रखना चाहिए (IMCR) 

भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर)  महानिदेशक डॉ. राजीव बहल ने इस संबंध में कहा कि  यह बात चार अलग-अलग चरणों में जुटाए तथ्यों के जरिये साबित हुई है। टीकाकरण, लॉन्ग कोविड और मृतक मरीज की गंभीरता संबंधी सभी दस्तावेजों से तथ्य जुटाए गए हैं। आईसीएमआर के पूर्व संक्रामक रोग विभागाध्यक्ष और इंडियन जर्नल ऑफ मेडिकल रिसर्च के संपादक डॉ. समीरन पांडा ने अध्ययन के प्रकाशन से पूर्व कुछ भी कहने से इनकार करते हुए कहा कि हमारे वैज्ञानिक और उनके तथ्यों पर हमें भरोसा रखना चाहिए। टीकाकरण से जुड़ी भ्रामक सूचनाओं या फिर चर्चाओं पर भरोसा नहीं करना चाहिए। पोस्टमार्टम में भी कोरोना वैक्सीन से दिल के दौरे की मौत का सीधा कारण नहीं पता चला है।

2019 में 1.79 करोड़ थे दिल के मरीज 

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कोरोना महामारी से पहले साल 2019 में 1.79 करोड़ लोगों की मौत कार्डियोवैस्कुलर डिजीज से हुईं, जो वैश्विक मौतों का करीब 32 प्रतिशत है। इनमें से 85 प्रतिशत मौतें दिल का दौरा और स्ट्रोक के कारण हुईं। सीवीडी से होने वाली तीन चौथाई से अधिक मौतें निम्न और मध्यम आय वाले देशों में होती हैं।

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बता दें कि  भारत में जनवरी 2021 से लेकर अब तक 220.67 करोड़ टीकाकरण हुआ है।