भोपाल (मध्यप्रदेश)। मेडिकल स्टोर पर सस्ती दवाएं बेचने पर रोक लगा दी गई है। 10 से 80 फीसदी तक की छूट का बोर्ड लगा मिला तो फार्मासिस्ट का रजिस्ट्रेशन कैंसिल होगा। फार्मेसी काउंसिल ने स्पष्ट कर दिया है कि दवा बिक्री में छूट का प्रचार अवैध है। इस पर कार्रवाई के तहत फार्मासिस्ट का पंजीकरण रद या निलंबित किया जा सकता है। राज्यभर के फार्मासिस्टों और स्टोर मालिकों को काउंसिल ने नोटिस जारी किया है। नोटिस में कहा है कि डिस्काउंट का लालच देना अनैतिक व्यापार है और इससे मरीजों की सेहत से खिलवाड़ होता है। यह अधिनियम 2002 की धारा 4 का भी उल्लंघन है।

फार्मेसी काउंसिल के अध्यक्ष संजय जैन ने कहा कि आगे सख्त कार्रवाई की जाएगी। मध्य प्रदेश केमिस्ट एवं ड्रगिस्ट एसोसिएशन (एमपीसीडीए) ने आदेश का स्वागत किया है और सभी मेडिकल स्टोर्स से डिस्काउंट बोर्ड हटाने की अपील की है।

संगठन ने कहा कि यह निर्णय केमिस्टों के हित में है। भोपाल केमिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष जितेंद्र धाकड़ ने कहा कि भारी छूट के कारण नकली दवाओं की आपूर्ति की आशंका रहती थी। इससे मरीजों की जान जोखिम में पड़ती थी। नए नियम से पारदर्शिता बढ़ेगी और जनहित सुरक्षित रहेगा।