हैदराबाद। डीसीए की टीम ने अलग-अलग स्थानों पर छापेमारी कर अवैध और भ्रामक विज्ञापन वाली दवाइयों को जब्त किया है।
यह है मामला
तेलंगाना के औषधि नियंत्रण प्रशासन (डीसीए) ने विभिन्न जिलों में अवैध रूप से निर्मित और भ्रामक रूप से विज्ञापित दवाओं को जब्त करने के लिए कई छापे मारे हैं। छापेमारी के दौरान वारंगल ज़ोन में प्रतिबंधित एक्सटी टैबलेट्स जब्त की। इसे खाद्य उत्पादों/न्यूट्रास्यूटिकल्स की आड़ में गलत तरीके से बनाया और बेचा गया था। जांच में फेरस एस्कॉर्बेट (100 मिलीग्राम) और फोलिक एसिड (1.5 मिलीग्राम) वाली गोलियां अल्फांसा बायो प्राइवेट लिमिटेड में अवैध रूप से निर्मित मिलीं। इनकी मार्केटिंग फेलिक्स हेल्थकेयर, नई दिल्ली द्वारा की गई थी।
दवाइयों के भ्रामक विज्ञापन
अधिकारियों ने भ्रामक दावों के साथ बाजार में बिक रही कुछ दवाओं का पता लगाया, जो ड्रग्स एंड मैजिक रेमेडीज (आपत्तिजनक विज्ञापन) अधिनियम, 1954 का उल्लंघन करती हैं। जब्त की गई इन दवाओं में कूलश्योर प्लस सस्पेंशन भी शामिल है। यह एलोपैथिक दवा है जो गलत तरीके से इलाज करने का दावा करती है। इसके अलावा आयुर्वेदिक दवा पेप्टिक अल्सर और भृंगराज चूर्णम भी बुखार के इलाज का झूठा दावा करती है।
इनके अतिरिक्त स्वयंभू ग्रामीण चिकित्सा कारोबारी को बिना वैध लाइसेंस के एंटीबायोटिक्स, स्टेरॉयड और एंटी-अल्सर दवाओं सहित 32 प्रकार की दवाओं का भंडारण और बिक्री करते हुए पकड़ा। मौके से करीब 15,000 रुपये कीमत का दवाओं का स्टॉक जब्त किया गया।