देहरादून (उत्तराखंड)। नशीली दवा की अवैध सप्लाई के रैकेट का भंडाफोड़ किया गया है। यह सफलता नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) की देहरादून जोनल यूनिट को मिली। यह सिंडिकेट उत्तराखंड और पश्चिमी यूपी में ट्रामाडोल और एलप्राजोलम जैसी नशीली दवाएं सप्लाई कर रहा था। इस कार्रवाई में 5 लाख से ज्यादा ट्रामाडोल टैबलेट्स और 24 हजार एलप्राजोलम टैबलेट्स जब्त की हैं। इनकी अनुमानित मार्केट वैल्यू करीब 20 करोड़ रुपये बताई गई है।
यह है मामला
एनसीबी की देहरादून जोनल यूनिट ने विकासनगर स्थित एक मेडिकल स्टोर पर छापा मारा। यहां से 594 ट्रामाडोल टैबलेट्स बरामद की और एक आरोपी को गिरफ्तार किया गया। पूछताछ के दौरान सिंडिकेट का बड़ा नेटवर्क सामने आया। इसके बाद देहरादून में ही एक सप्लायर और एक पेडलर को भी पकड़ा गया। जांच में खुलासा हुआ कि दो फर्जी मेडिकल फर्में – एम/एस एसएम इंटरप्राइजेज (मुजफ्फरनगर) और एम/एस बालाजी (बरेली) के नाम पर इन दवाओं की खरीद-फरोख्त की जा रही थी।
एक दूधवाले ने मात्र 5000 रुपये प्रति महीने में अपनी होलसेल दवा का लाइसेंस किराए पर दे रखा था। इससे पूरे ऑपरेशन को अंजाम दिया जा रहा था। एनसीबी की टीम ने इनपुट्स के आधार पर एक किराए के गोदाम पर छापा मारा। वहां से 474,480 ट्रामाडोल टैबलेट्स और 24,000 एलप्राजोलम टैबलेट्स बरामद की गईं। 25 जुलाई को सहारनपुर के गगालहेड़ी इलाके से उपेंद्र पाल नाम के एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया था। उसके पास से 954 ट्रामाडोल और 720 एलप्राजोलम टैबलेट्स बरामद की गईं।
1 अगस्त को उत्तराखंड के जसपुर इलाके में एक संदिग्ध को रोका गया। उसकी स्विफ्ट डिजायर कार से 25,600 ट्रामाडोल टैबलेट्स बरामद हुईं। पता चला कि यह खेप भी बरेली की उसी फर्जी फर्म बालाजी से जुड़ी थी। सिंडिकेट फर्जी होलसेलर बनकर नशीली दवाएं युवाओं तक पहुंचा रहा था। इस नेटवर्क के मास्टरमाइंड की तलाश की जा रही है।